सात दिवसीय मेगा जागरूकता अभियान का हुआ शुभारम्भ

बिलासपुर. मौजुदा वक्त में व्यस्त जीवन शैली और खान-पान की खराब आदतों ने लोगों को कई बिमारियों को और धकेल दिया है, जिसमें से हार्ट अटैक की समस्या बहुत तेजी से बढ़ी है। यही कारण है कि मौजूदा दौर में 30 की उम्र के लोग भी हार्ट अटैक की समस्या का शिकार हो रहे है। हार्ट अटैक आने के कारण तो सभी जानते है लेकिन इनसे बचाव के उपाय शायद ही जानते हो। हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अधिकतर लोग इसके लक्षणों को नहीं पहचान पाते और इस बीमारी का शिकार हो जाते है। लेकिन क्या आप जानते है की महज छोटी-छोटी सी आपकी आदतें आपको इस गंभीर बीमारी से दूर रख सकती है।
29 सेप्टेम्बर वल्र्ड हार्ट डे के रूप में मनाया जाता है इसे ध्यान में रखते हूऐ अपोलो हाॅस्पिटल्स बिलासपुर द्वारा मेगा जागरूकता अभियान दिल की सुनो दुनिया वालों…….का शुभारंभ किया गया। वरिष्ठ चिकित्सकों एव पत्रवार्ता में आमंत्रित प्रिंट एवं ई-मिडिया पत्रकार समूह द्वारा दिल के आकार के गुब्बारों को हवा में छोड़ कर जागरूकता प्रोग्राम का शुभाारंभ हुआ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. सजल सेन ने बताया की विगत कुछ वर्षों की तुलना में हृदय रोगों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि एक चिंता का विषय है उन्होंने इसे एक सुनामी की तरह बताया एवं सामाजिक जागरूकता को इसका सबसे कारगर हथियार। जागरूकता अभियान के तहत आयोजित 7 दिवसीय हार्ट चैकअप कैम्प में विशेष छूट पर हेल्दी हार्ट एडवांस पैकेज एवं एंजियोग्राफी तथा निःशुल्क डाईट काउन्सिलिंग की व्यवस्था की गई है। कार्डियोंलाॅजी से परामर्श, इसीजी, ब्लडशुगर, बीपी एवं बीएमआई की जाॅच लागत से भी कम कीमत पर होगी। इस अवसर पर वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ आर एल भांजा ने धुम्रपान को अत्यधिक घातक बताया तथा नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं नियमित दिनचर्या को अपनाने की सलाह दी। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ एम.पी. सामल ने छाती में बार-बार दर्द होना सांस लेने में दिक्कत होना, जी मचलाना, अनियमित दिल की धडकन एवं सिर चकराना या चक्कर आना इन पांच लक्षणों को धमनियों में रूकावट होने का संकेत बताया एवं डाईट पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।

वरिष्ठ हृदय रोग शल्य चिकित्सक डाॅ. सजय जैन ने कहा कि क्या आपने सोचा है कि इतनी संख्या में लोग के दिल की बिमारियों से क्यों मरते हैघ् इसके दो कारण है पहला लोगों का खान-पान इतना खराब हो गया है ज्यादातर लोग कम उम्र में ;20 से 30 सालद्ध हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्र्ाॅल बढ़ने और मोटापे जैसे रोगों के शिकार हो जाते है, ये सभी रोग हार्ट अटैक के खतरे को काफी बढा देते है। दूसरा कारण यह है कि लोगो को हार्ट अटैक के पूर्व संकेतो के बारे में पता नहीं है इसलिये वे सही समय पर सावधानी नहीं बरततें।
हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. मोहंता एवं डाॅ. सतपती ने बेड कोलेस्ट््राॅल एवं गुड कोलेस्ट््राॅल के बारे में बताया एवं बेड कोलेस्ट््राॅल को दिल के स्वास्थ्य के लिये अत्यंत हानिकारक बताया ये कोलेस्ट््राॅल आपकी हृदय की धमनियों को ब्लाॅक कर देता है और हार्ट अटैक की सम्भावनाओं का बढा देता है।
हृदय रोग शल्य चिकित्सक डाॅ अनुज कुमार ने श्तनाव को कहे नाश्, ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण एवं नियमित रूप से वाॅक पर विशेष जोर दिया। तथा नियमित दिनचर्या एवं डिप्रेशन से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उपर्युक्त सावधानियों को अपनाकर हम हार्ट की सर्जरी की स्थिति से बच सकते है। यदि हार्ट की शल्य चिकित्सा किसी परिस्थिति में अनिवार्य ही हो तो आजकल अत्याधुनिक की होल पद्धति को अपनाया जा सकता है, जो कि अब अपोलो हाॅस्पिटल्स बिलासपुर में उपलब्ध है। लेन्सेट द्वारा किये गये अध्ययन में पाया गया कि 90 के बाद पैदा हुये लोगों में हृदय रोग का खतरा ज्यादा है अतः उनके लिये यह आवश्यक है कि वे समय-समय पर अपनी जाॅच करायें। अध्ययन में यह भी पाया गया देश में लगभग 7 करोड़ हृदय रोेंगी है जो कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में समान रूप से फैले है।

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