सीमा पर भारतीय सैनिकों से भिड़ंत के बाद चीन के बदले सुर, करने लगा शांति की बात


बीजिंग.भारत और चीन सैनिकों के बीच भिड़ंत (Sino-India Border Clashes) को लेकर चीन ने अपनी सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बॉर्डर पर उसके सैनिक शांति और धैर्य बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने हाल ही में सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बारे में कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को ठीक तरह से सुलझाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘चीनी सीमा पर तैनात हमारे सैनिक बॉर्डर पर शांति और धैर्य रखते हैं. सीमा मामलों को लेकर भारत और चीन मौजूदा व्यवस्था को लेकर आपस में संवाद और समन्वय करते हैं.’ कोविड-19 (Covid-19) महामारी के बाद चीन के आक्रामक रवैये को लेकर पूछे जाने पर झाओ ने कहा, ‘संबंधित अवधारणा आधारहीन है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन के राजनयिक संबंधों का यह 70वां वर्ष है. दोनों ही देशों ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से एकजुट होकर लड़ने का फैसला लिया है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इन हालातों में दोनों पक्षों को एकजुट होकर काम करना चाहिए और मतभेदों का उचित तरीके से हल करना चाहिए. बॉर्डर पर शांति और स्थिरता कायम करनी चाहिए. ताकि हम द्विपक्षीय संबंधों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के साथ ही कोविड-19 के खिलाफ भी एक साथ जंग कर सकें’.

कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन के रवैये में बदलाव आने की रिपोर्ट को खारिज करते हुए झाओ ने कहा, ‘कोविड-19 के फैलने के बाद से भारत और चीन के बीच आपसी संवाद और सहयोग जारी है, ताकि हम इन चुनौतियों का मिलकर सामना कर सकें.’

आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख और उत्तर सिक्किम के नाकू ला दर्रे के पास हाल में भारत और चीनी सैनिकों के बीच तीखी झड़पें हुई थीं, जिसमें दोनों सेनाओं के कई सैनिक घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक, भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच पहली झड़प पांच मई देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच टकराव अगली सुबह बातचीत के बाद समाप्त हुआ.

खबरों की मानें तो दोनों पक्षों में कई सैनिकों को मामूली चोटें आयीं, क्योंकि उनके बीच घूंसे चले और एक-दूसरे पर पथराव भी किया. सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की इस घटना में करीब 200 जवान शामिल थे. फिलहाल मामला शांत है.

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