सुप्रीम कोर्ट की राज्य सरकारों को सलाह, शराब की होम डिलीवरी करवाने पर करें विचार


नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी अदालत (Supreme Court) ने राज्य सरकारों से कहा है कि सरकारें शराब (Liquor) की होम डिलीवरी जैसे विकल्प पर विचार करें. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. लेकिन शराब की दुकानों पर भारी भीड़ है. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं. ऐसे में शराब की दुकानों पर शराब न बेचकर शराब की होम डिलीवरी की व्यवस्था की जाए.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी. याचिका में कहा गया है कि शराब की दुकानों पर ग्राहकों को शराब बेचने की इजाजत देने सम्बंधित अधिसूचना गैरकानूनी है और अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की गई है. कोर्ट ने याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इंकार करते हुए कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए राज्य सरकारें शराब की होम डिलीवरी जैसे उपाय पर विचार करें.

गौरतलब है कि लॉकडाउन-3 के दौरान शराब की दुकानों के खुलने की अनुमति मिलते ही शराब की दुकानों पर भारी भीड़ जमा होने लगी है. अधिकांश शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है जिससे कोरोना के संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है.

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