सुशांत की मौत पर Prasoon Joshi ने तोड़ी चुप्पी, आत्महत्या को बताया हत्या से ज्यादा खतरनाक


नई दिल्ली. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant singh Rajput) की मौत के मामले में लेखक प्रसून जोशी (Prasoon Joshi) ने टिप्पणी की है. उनकी टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब मुंबई पुलिस के साथ एम्स ने भी इसे आत्महत्या का मामला माना है. वहीं सुशांत का परिवार और उनके वकील ऐसा मानने को तैयार नहीं हैं. फिलहाल, प्रसून जोशी सीबीएफसी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) के अध्यक्ष हैं.

उन्होंने कहा है कि उनकी राय में ‘हत्या की तुलना में आत्महत्या एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि हत्यारों को पकड़ा जा सकता है और दंडित किया जा सकता है. प्रसून ने आत्महत्या को एक बीमारी बताया, जिसे लेकर समाज को ज्यादा चिंता करनी चाहिए. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, ताकि यह समझा जा सके कि कुछ लोग इस तरह के दबाव में क्यों आते हैं. बता दें कि सुशांत 14 जून को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे.

आत्महत्या को बताया चिंता का विषय

प्रसून ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘आत्महत्या मेरे लिए हत्या से भी बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि हत्या में एक अपराधी होता है. जबकि आत्महत्या एक बीमारी है. इससे यह बात स्पष्ट होती है कि कुछ तो सही नहीं है, लोग असुरक्षित हैं और चीजों का सामना करने में सक्षम नहीं हैं. यह कोई छोटी बात नहीं है. यह एक बीमारी की जड़ है. इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. यह सिर्फ कुछ हिट फिल्मों को लेकर नहीं है, आखिर जीवन फिल्मों से बड़ा होता है. इंडस्ट्री में बहुत से संवेदनशील लोग हैं, जरूरत इस बात की है कि सभी रचनात्मक स्तर पर साथ आएं और इससे उबरने का प्रयास करें.’

प्रसून ने आगे कहा, ‘कलाकार के लिए बिजनेस से बड़ा जीवन होता है, क्योंकि वे संवेदनशील होते हैं. एक कलाकार कभी जीवन में पैसे को पसंद नहीं करेगा. उसका दिल बड़ा होता है. यही कारण है कि लोग निराश हो जाते हैं.’

एम्स की रिपोर्ट में बताया आत्महत्या
शनिवार को एम्स के डॉक्टरों के एक पैनल ने सुशांत की मौत को ‘आत्महत्या का मामला’ बताया और गला घोंटने के दावों को खारिज कर दिया.  29 सितंबर को सीबीआई को सौंपी गई रिपोर्ट में फोरेंसिक विशेषज्ञों की छह सदस्यीय टीम ने कहा कि ‘फांसी के अलावा शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे’ और न ही ‘किसी भी तरह की छेड़खानी’ का पता चला है.

एम्स की रिपोर्ट नहीं है निर्णायक 
इस पर सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि चूंकि टीम ने वास्तव में सुशांत के शरीर की जांच नहीं की है और वह तस्वीरों के आधार पर निर्णय दे रहे हैं. इसलिए रिपोर्ट को निर्णायक नहीं माना जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘एम्स की रिपोर्ट निर्णायक नहीं है और सीबीआई अपनी चार्जशीट में अभी भी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज कर सकती है.’

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!