सुशांत सिंह राजपूत मामले में स्वामी ने लिखा PM मोदी को पत्र, कही ये बात


नई दिल्ली. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput)  मामले में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है. स्वामी ने अपने पत्र में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की मेडिकल रिपोर्ट की समीक्षा करने की मांग की है, जिसमें सुशांत की मौत को हत्या मानने से इनकार किया गया था.

खामियों पर दिलाया ध्यान
सुब्रमण्यम स्वामी ने डॉ. सुधीर गुप्ता के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार रिपोर्ट की खामियों की तरफ PM मोदी का ध्यान आकर्षित किया है. मालूम हो कि सुशांत की हत्या की आशंका के बीच डॉक्टर गुप्ता के नेतृत्व वाली टीम ने मामले की फिर से जांच की थी. अपनी रिपोर्ट में टीम ने सुशांत की मौत को हत्या मानने से इनकार किया था.

…तो कोर्ट जाऊंगा
भाजपा सांसद ने इस संबंध में ट्वीट करके कहा है कि यदि उन्हें PM की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता है, तो फिर वह अदालत का रुख करेंगे. उन्होंने लिखा, ‘यदि सुशांत सिंह राजपूत मामले में एम्स की रिपोर्ट की समीक्षा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से कोई जवाब नहीं मिलता है, तो मुझे जनहित याचिका दायर करने का अधिकार है’.

सीबीआई से आग्रह
वहीं, सुशांत सिंह के परिवार के वकील विकास सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से इस मामले पर गौर करने का आग्रह किया है. इससे पहले 15 अक्टूबर को सीबीआई ने उन मीडिया रिपोर्टों को ‘अटकलबाजी’ और ‘गलत’ करार दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि सीबीआई ने सुशांत सिंह मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और जल्द ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सकती है. गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी सुशांत की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों की जांच कर रही है.

उठाए पांच सवाल
सुब्रमण्यम स्वामी शुरुआत से ही एम्स की रिपोर्ट पर सवाल उठाते आये हैं. उन्होंने कुछ वक्त पहले ट्वीट कर कहा था कि मैंने एम्स टीम की कथित रिपोर्ट से जुड़े अपने 5 सवालों पर स्वास्थ्य सचिव के साथ बातचीत पूरी कर ली है. स्वामी ने पूछा था कि क्या एम्स की टीम ने सुशांत के शव का पोस्टमॉर्टम किया था या केवल कूपर अस्पताल के डॉक्टरों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से अपनी राय बनाई? क्या डॉ. सुधीर गुप्ता को उच्च अधिकारियों ने कहा था कि एम्स की विशेष टीम द्वारा रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले वे साक्षात्कार दें? क्या एम्स की टीम ने सबूतों को नष्ट किए जाने की जांच की? क्या मौत के कारणों पर एक निश्चित राय बनाने के लिए फॉरेंसिक मेडिकल के दृष्टिकोण से सामग्री अपर्याप्त सामग्री थी? और क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस मामले को मंत्रालय के मेडिकल बोर्ड को भेजने पर विचार करेगा?

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!