सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेचने वाले किसानों के खिलाफ सब्जी विक्रेता संघ ने खोला मोर्चा
बिलासपुर. शहर के बहुत बड़े इलाके में रहने वाले दर्जनों मोहल्लों के नागरिकों को सोमवार की सुबह सब्जियों के लिए तरसना पड़ गया। शहर का सबसे प्रमुख और व्यवस्थित सब्जी बाजार बृहस्पतिबाजार आज सुबह से पूरी तरह बंद था। और वहां किसी को कोई सब्जी नहीं मिल रही थी। अचानक बाजार बंद कर दिए जाने से लोग सब्जियों के लिए तरसते भटकते रहे। दरअसल इस बाजार में सब्जी बेचने वालों का, बाजार के बाहर सड़क किनारे जमीन पर बैठकर सब्जी बेचने वालो से विवाद चल रहा है। बाजार के भीतर चबूतरे पर बैठकर सब्जी बेचने वालों का कहना है कि सड़क पर बैठकर सब्जी बेचने वालो के कारण लोग बाजार के भीतर नहीं आ पाते और वे बाहर ही बाहर सड़क किनारे बैठे सब्जीवालों से ही सबजी खरीदकर लौट जाते हैं। इससे बाजार में चबूतरों पर बैठकर सब्जी बेचने वालो को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिये वे नहीं चाहते कि सड़क किनारे बैठकर कोई स्ब्जी बेचने की दुकान लगाए।इसी बात को लेकर बृहस्पतिबाजार सब्जी व्यापारी संघ का रविवार की शाम को उन सब्जी विक्रेताओं से विवाद भी हुआ था। और बात सिविल लाइन थाने तक भी गई थी। इनके साथ पार्षद शहजादी कुरेशी भी गई थी। वहां दोनों पक्षो में सुलह-शांति करा कर समझाइश दे दी गई थी। इसके बाद आज सुबह फिर सब्जी बाजार के पदाधिकारियों और सड़क किनारे जमीन पर बैठकर सब्जी बेचने वालों के बीच जमकर विवाद हुआ और मारपीट तक कि नोबत आ गई थी। इस्के विरोध में बृहस्पतिबाजार सब्जी व्यापारी संघ ने आज सब्जी बाजार बंद कर दिया।
वीआईपी बाजार हो गया है बृहस्पति बाजार
ये बात प्रसिद्ध हो चली है कि बृहस्पत बाजार में सबजी बहुत महंगे में बिकने के कारण लोग के बीच इसे बिलासपुर का वीआईपी सब्जी बाजार कहा जाने लगा है। दरअसल बृहस्पति बाजार में भीतर चबूतरों पर बैठकर सब्जी बेचने वाले अधिकांश लोग सब्जी व्यापारी हैं जो तिफरा की थोक मंडी से सब्जी खरीदकर उसे डबल से भी अधिक रेट में फुटकर में बृहस्पति बाजार में लोगो को बेचकर मुनाफा कमाते है। मसलन तिफरा मंडी में 5 रुपये किलो की दर पर मिलने वाली कोई सब्जी बृहस्पति बाजार में 10 से लेकर 14-15 रुपये तक मे बिकती है।
गांव के किसानो को सड़क से भी भगाया जा रहा है
वहीं बृहस्पतबाजार के बाहर सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेचने वाले अधिकांश लोग सब्जी व्यापारी नही वरन सब्जी उत्पादक किसान हैं। वे रोज यहां नहीं आते। जिस दिन जिस किसान की सब्जी टूटती है, उस दिन वह इसे लेकर यहां आ जाते हैं और सड़क किनारे बैठकर(क्योकि बिलासपुर में कही भी किसानों के लिये बैठकर सीधे सब्जी बेचने की जगह नही बनाई गई है)सब्जी बेचते है।अगर ये किसान थोक मंडी जाते है तो वहां उंनहे काफी कम कीमत पर अपनी सब्जी बेचनी पड़ती है। इसलिये वे यहाँ बृहस्पति बाजार में सड़क किनारे बैठकर सीधे लोगो को सब्जी बेचते हैं। लेकिन ये लोग चूकि कम रेट पर सब्जि बेचते हैं और फिर सीधे खेतों से आने के कारण उनकी सब्जियां चबूतरे वाले सब्जी विक्रेताओ की बनिस्बत सस्ती के साथ ही काफी ताजी भी रहती है। इससे बृहस्पतिबाजार के चबूतरे वाले विक्रेताओ की बिक्री कम होती है। इसलिये सड़क किनारे से इन किसान सब्जी वालो को भगाने के लिये ही बृहस्पतिबाजार के चबूतरे वाले विक्रेताओ के संगठन ने कमर कस ली है और आज बृहस्पतिबाजार को बंद कर वे इन्ही सड़क किनारे बैठकर ताजी व सस्ती सब्जियां बेचने वाले किसानों पर पाबंदी लगाने की मांग कर रहे हैं।