हिंदी सिनेमा को दिया था देशभक्ति का रंग, जानिए क्या है मनोज कुमार का असली नाम


नई दिल्ली. हिंदी सिनेमा के ‘भारत कुमार’ के नाम से पहचाने जाने वाले दिग्गज अभिनेतामनोज कुमार (Manoj Kumar)की अदाकारी ने हर किसी के दिल में अपनी खास जगह बनाई है. वह इंसान मनोज कुमार ही हैं जिन्होंने हिंदी फिल्मों में देशभक्ति का रंग घोला. मनोज कुमार आज अपना 83वां जन्‍मदिन मना रहे हैं. इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं जानिए कैसे अपने असली नाम से वह पहले बने मनोज कुमार और फिर मिला उन्हें उनका प्रचलित नाम भारत कुमार.

ये है नाम की कहानी 
मनोज कुमार का पर्दे पर आने से पहले का नाम नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था. भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता, फिल्म निर्माता व निर्देशक हैं. अपनी फिल्मों के जरिए मनोज कुमार ने लोगों को देशभक्ति की भावना का गहराई से एहसास कराया. मनोज कुमार शहीद-ए-आजम भगत सिंह से बेहद प्रभावित हैं और उन्होने शहीद जैसी देशभक्ति फिल्म में अभिनय किया तो कई जनों की प्रेरणा बने. भारत कुमार का नाम भी उन्हें 1965 में आयी ‘शहीद’ से मिला था. यह फिल्म भगत सिंह के जीवन पर आधारित थी. इसके बाद कई फिल्मों में उन्होंने इस नाम का किरदार निभाया.

इसके अलावा मनोज कुमार ने ‘उपकार’, ‘क्रांति’ और ‘पूरब-पश्चिम’ जैसी फिल्में भी बनायी, जो देशभक्ति पर आधारित थीं. मनोज कुमार ने ज्‍यादातर देशभक्ति वाली फिल्‍मों में ही काम किया. 1992 में मनोज कुमार को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

प्रधानमंत्री के कहने पर बनाई थी फिल्म ‘उपकार’
मनोज कुमार की पहली फिल्म ‘फैशन’ (1957) थी. उसके बाद ‘शहीद’ (1965) से उन्हें लोकप्रियता मिलनी प्रारम्भ हो गई. उन्होंने अधिकतर देशभक्ति फिल्मों में अभिनय किया. वो एक फिल्म निर्माता एवं निर्देशक भी रहे. उन्होंने कई देशभक्ति फिल्में भी बनाईं. कुमार ने भूतपूर्व भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर ‘उपकार’ बनाई जो शास्त्री जी के दिए हुए नारे ‘जय जवान जय किसान’ पर आधारित थी.

मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के अबोटाबाद में हुआ था. देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में बस गया था.

यादगार फिल्में
मनोज कुमार की फिल्मों में ‘हरियाली और रास्ता’ (1962), ‘वो कौन थी’ (1964), ‘शहीद’ (1965), ‘हिमालय की गोद में’ (1965), ‘गुमनाम’ (1965), ‘पत्थर के सनम’ (1967), ‘उपकार’ (1967), ‘पूरब और पश्चिम’ (1969), ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974), ‘क्रांति प्रमुख हैं. फिल्म ‘उपकार’ के लिए मनोज कुमार को नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था.

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