December 2, 2023
बालिका के साथ छेड़खानी करने वाले आरोपी को 05 वर्ष सश्रम कारावास
अभियुक्त पूर्व में भी पॉक्सो एक्ट में भी दोषसिद्ध होने के कारण वर्धित दंड से दंडित किया गया
सागर. बालिका के साथ छेड़खानी करने वाले अभियुक्त चैन सिंह को भादवि की धारा- 354 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा-9टी/10 के तहत 05-05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड, की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की । प्रकरण में अभियुक्त पर लैंगिक हमला करने के अपराध की पूर्व दोषसिद्धि थी जिसे अभियोजन द्वारा प्रमाणित की गई जिस कारण अभियुक्त को उपबंधित दंड से वर्धित दंड दिया गया ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका ने थाना जैसीनगर में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि बालिका घटना दिनॉक को अपने घर से स्कूल जा रही थी बालिका जैसे ही मंदिर के पास पहुॅची तो पीछे से अभियुक्त चैन सिंह आया और उसने तौलिया से उसका मुॅह दबा दिया और उसके साथ छेड़खानी की ,तब वह चिल्लाई तो उसके पीछे से गॉव का व्यक्ति आ रहा था जिसे देखकर अभियुक्त भाग गया । बालिका ने घर आकर घटना के सबंध में अपनी मॉ व भाई को बताया फिर थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये एवं नक्षा मौका तैयार किया गया । उसके कथन लेख किये गये अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-जैसीनगर द्वारा धारा- 323, 354, 506 भा.दं.सं., धारा-7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1);द),(3(1);ध), 3(2);व्ही) (अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्या.निवा.) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया ।जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।