हत्या के आरोपीगण को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास
टीकमगढ़. सहायक मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि अभियोजन तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि प्रार्थी भरतसिंह ने दिनांक 28.11.2015 को 11:30 बजे पुलिस थाना, ओरछा में उपस्थित होकर इस आशय की नामजद रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि वह ग्राम टपरन रजपुरा का रहने वाला है, खेती किसानी का काम करता है। उसकी जमीन मृत आरोपी जयसिंह की जमीन से लगी हुई है। उक्त दिनांक को सुबह 10:00 बजे जब वह अपना खेत जोत रहा था तभी अखलेश, मुकेश एवं मृत आरोपी जयसिंह उसके हिस्से की जमीन जोतने लगे, जिससे उसने मना किया तो आरोपी अखलेश ने उसे कुल्हाड़ी मारी, जो उसके बांये कान के ऊपर सिर में लगी। उसका भाई बालकृष्ण, पिता भैयालाल एवं पत्नी कलावती उसे बचाने आये तो आरोपीगण ने लोहे के पचा से एवं लाठी से मारपीट की, जिससे उसे (भरतसिंह) बांये कान, पीठ में एवं बालकृष्ण को सिर, पीठ में तथा कलावती को बांई पसली, गर्दन और भैयालाल को पीठ में चोटें आईं। इसके बाद घटना का बीच-बचाव ग्राम निवासी हरगोविन्द द्वारा किया गया तो आरोपीगण बुरी-बुरी गालियां देते हुए कह रहे थे कि अगर रिपोर्ट करने जाओगे तो जान से खत्म कर देंगे। फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना ओरछा में अपराध अंतर्गत धारा 294, 323, 506बी, 34 भादवि का मामला लेखबद्ध कर आहतगण का मेडीकल परीक्षण कराए जाने पर आहत भैयालाल (मृतक) की पसली की 9वीं एवं 10वीं अस्थिभंग होना पाया गया तथा स्वास्थ्य खराब होने के कारण उपचार हेतु ग्वालियर ले जाते समय आहत भैयालाल की दिनांक 29.11.2015 को मृत्यु हो गई। मृतक भैयालाल का शव परीक्षण कराये जाने के उपरांत चोट प्राणघातक होकर मृत्यु संभावित योग्य थी तो उक्त संबंध में चिकित्सा अधिकारी द्वारा सकारात्मक रिपोर्ट दी गई। आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया और उनके विरूद्ध दर्ज अपराध भादवि की धारा 302, 302/34 के अंतर्गत परिवर्तित किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। संपूर्ण विचारण उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा पारित अपने निर्णय में प्रकरण के तथ्यों, परिस्थितियों और उपरोक्त तर्कों के परिप्रेक्ष्य में तथा अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरोपीगण अखलेश राजपूत एवं मुकेश राजपूत को धारा 304(भाग-2)/34 भादवि में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000-5000/- (पांच-पांच हजार) रूपये के अर्थदंड, धारा 324/34 भादवि में 2-2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000/-(एक-एक हजार) रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 323/34 (दो शीर्ष) भादवि में 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं 500-500/-(पांच-पांच सौ) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री दानवेन्द्र सिंह ठाकुर, लोक अभियोजक, टीकमगढ़ द्वारा की गई।