नाबालिग को अपहृत कर बलात्संग के आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

टीकमगढ़. निर्णय की जानकारी देते हुये मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ श्रीमती नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि अभियोक्त्री के पिता ने थाना बुड़ेरा में इस आशय का लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि दिनांक 11.04.2017 को वह बड़ागांव गया था तथा अभियोक्त्री एवं पत्नि को घर छोड़ गया था। जब लौटकर 12:00 बजे घर वापिस आया तो पनि से पूँछा कि अभियोक्त्री कहां है तो उसकी पत्नि ने बताया कि वह अपने भाई को खाना देने बेड़ा में गयी थी , वापिस नहीं आयी। उसको गांव , रिश्तेदारियों में तलाश किया पर वह नहीं मिली , उसे शक है कि उसकी लड़की (अभियोक्त्री) को गांव का रघुवीर लोधी बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। फरियादी के उक्त आवेदन के आधार पर थाना बुड़ेरा में आरोपी रघुवीर लोधी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाब कर उसका मेडीकल परीक्षण कराया गया। आरोपी को गिरफ्तार किया गया एवं अभियोक्ति, साक्षीगण के कथन एवं अनुसंधान के दौरान अन्य एकत्रित साक्ष्य के आधार पर तथा अभियोक्त्री की उम्र 18 साल से कम होने पर आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 (2)(एन) भा.दं.सं. एवं धारा 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट के अपराधों के तहत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा संपूर्ण विचारण उपरांत अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी रघुवीर लोधी को आरोपित अपराध में दोषसिद्ध ठहराते हुए धारा- 363 भा.दं.सं. के अपराध में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- (पांच हजार रूपये) के अर्थदण्ड से , धारा 366 भा.दं.सं. के अपराध में 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5,000/- (पांच हजार रूपये) के अर्थदण्ड से तथा धारा 376 (2) (एन) भा.दं.सं. के अपराध में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000/- (दस हजार रूपये) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासकी ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी आर. सी. चतुर्वेदी के द्वारा की गई।

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