December 28, 2022
नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी पप्पू पिता लखन साहू थाना-सानौधा को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की घारा-366 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रूपये का अर्थदंड , धारा-368 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रूपये अर्थदंड एवं धारा-376(2)(एन) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व पॉच हजार रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है एवं पीड़िता का दो लाख रूपये प्रतिकर दिलाये जाने का आदेश न्यायालय द्वारा पारित किया गया। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका के पिता/सूचनाकर्ता द्वारा थाना -सानौधा में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक – 11.08.2015 को शाम करीब 7ः00 बजे बालिका शौच का कहकर गई थी वहीं से गुम हो गई थी व ढंूढने पर नहीं मिली । कोई अज्ञात व्यक्ति बालिका को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है । विवेचना के दौरान दिनांक 02.09.2015 को बालिका के दस्तयाब होने पर बालिका ने बताया कि अभियुक्त उसे धमकी देकर अपने साथ जबलपुर ले गया था जहॉ अभियुक्त ने मुझे उसकी बहिन के पति के घर रखा और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सानौधा में धारा 363,366 (क), 368, 376, भा.दं.सं. एवं धारा 5/6, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को पप्पू पिता लखन साहू को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-/रूपये अर्थदण्ड : नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी राजीव रजक पिता रघुवीर रजक थाना-बहेरिया को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की घारा-354 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये का अर्थदंड , धारा-454 के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदंड एवं अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1)(ू) (प) व धारा-3(2)(अ.ं.ं) के तहत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है । मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की । घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका /सूचनाकर्ता द्वारा थाना -बहेरिया में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक – 15.04.2017 को शाम करीब 5ः00 बजे मै घर पर थी ,तभी मोहल्ले में रहने वाले अभियुक्त राजीव रजक ने मेरे घर में घुस कर मुझे अकेला पाकर बुरी नियत से मेरा हाथ पकड़ लिया, मेरे चिल्लाने पर मेरी दोनों बहनों के आने पर अभियुक्त छोड़कर भाग गया । मेरे पिता रात को मजदूरी करके घर वापस आये तो उनको पूरी घटना बताई । उक्त घटना के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बहेरिया में भादवि की धारा 354, 454 एवं, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-7/8 एवं अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1)(ब) (1) व धारा-3(2)(अ.ं.ं)का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी राजीव रजक पिता रघुवीर रजक को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
घर में घुसकर बुरी नियत से नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 05 वर्ष का कारावास एवं 2000/- रूपये अर्थदण्ड की सजा : घर में घुसकर बुरी नियत से नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी नतिन उर्फ छोटू पिता हेमराज वाल्मीकि को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा- भादवि की भा.दं.सं. 1860 की धारा 451 के तहत दो वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 354 के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 323 (दो शीर्ष) के तहत एक -एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 9(उ) सहपठित धारा-10 के तहत पांच वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। उक्त मामले में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्री मनोज पटैल ने की। घटना का विवरण संक्षेप में इस प्रकार है कि अभियोक्त्री द्वारा थाना-मकरोनिया में रिपोर्ट लेख कराई गई कि दिनांक-08.05.2019 को सुबह करीब 9 बजे उसके पापा दीदी को देखने चले गए थे वह और उसका छोटा भाई घर पर थे, घर का दरवाजा अंदर से बंद था। दोपहर करीब 4 बजे उसके पडोसी का भाई जिसे छोटू कहकर बुलाते थे वह दरवाजे के बाहर आया तथा बिना आवाज दिए दरवाजा जाली के अंदर हाथ डालकर खोल लिया और अंदर आकर दरवाजे की कुंडी अंदर से लगा दी। उसने पूछा कि क्यों आए हो तो वह उसे बुरी-बुरी गालियां देने लगा तथा उसके गाल पर चांटा मारा। फिर उसके छोटे भाई को चांटा मारा व उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा, इतने में उसके पापा आ गए तो वह छुप गया। पापा ने छोटू को पकड़ लिया और फोन लगाया तो छोटू हाथ छुड़ाकर भाग गया। उसने पूरी बात अपने पापा व फूफा को बताई । थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया जिला-सागर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा-452, 354, 294, 323(दो शीर्ष), 506(भाग-2), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 9(उ)/10 (दो शीर्ष) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने अभियुक्त नतिन उर्फ छोटू पिता हेमराज वाल्मीकि को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।