नाबालिग को बहला फुसलाकर दुष्कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर. न्यायालय  हेमंत कुमार अग्रवाल, विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट तहसील बीना जिला सागर के न्यायालय ने नाबालिग को बहला फुसलाकर दुष्कर्म करने के आरोपी रवि रजक पिता मनोहर रजक उम्र 29 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत बीना जिला सागर को धारा 5/6 पाॅक्सो एक्ट अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड, धारा 363 भादवि में 3 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 366ए भादवि अंतर्गत 5 वर्ष का कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया। पीड़िता के परिवार की आर्थिक स्थिति एवं उसको हुई शारीरिक एवं मानसिक क्षति को देखते हुए एक लाख रूपये प्रतिकर स्वरूप दिये जाने आदेश माननीय न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्यामसुंदर गुप्ता ने की।

जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनांक-26.10.2020 को पीड़िता के भाई ने थाना बीना में रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी बहिन स्कूल जाने की कहकर गई थी जो अभी तक घर नहीं आई गाॅंव में आसपास तलाश किया पता नहीं चला कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। उक्त रिपोर्ट पर से थाना बीना में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीड़िता को 13.11.2020 को पुलिस ने दस्तयाब किया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी रवि उसे शादी का कहकर बहला फुसलाकर भोपाल ले गया था और वहाॅं उसकी मर्जी के खिलाफ उसके साथ 17-18 दिन तक लगातार गलत काम किया और शारीरिक संबंध बनाये। पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर मेडीकल परीक्षण कराया एवं डी.एन.ए. परीक्षण एफ.एस.एल. से कराया जिसमें शारीरिक संबंध बनाये जाने की पुष्टि हुई। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। करीब डेढ़ वर्ष तक न्यायालय में विचारण चला। जहां अभियोजन ने मामले को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी रवि रजक को 20 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित करने का आदेश दिया। पीड़िता के परिवार की आर्थिक स्थिति एवं उसको हुई शारीरिक एवं मानसिक क्षति को देखते हुए एक लाख रूपये प्रतिकर स्वरूप दिये जाने आदेश माननीय न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!