नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति नीलम शुक्ला, सागर के न्यायालय ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के अभियुक्त थोबन रैकवार पिता लक्ष्मन रैकवार उम्र  66 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत नरयावली जिला सागर को भादवि की धारा 354 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(1)(w)(1) एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 3(2)(va) एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किये जाने का दंडादेश पारित किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन द्वारा की गई।

घटना इस प्रकार है कि दिनांक-02.02.2017 को दिन के करीब 11 बजे बालिका गांव के एक व्यक्ति के कछवारे में नींबू तोड़ने गई थी कि तभी गांव का अभियुक्त थोबन रैकवार आया और उसने बालिका को पीछे से पकड़ लिया और कहा कि उसे बालिका के साथ गलत काम करना है, तब बालिका के चिल्लाने पर गांव की एक महिला आई तो अभियुक्त थोबन बालिका को छोड़कर भाग गया। फिर बालिका ने उसकी बहन को घटना के बारे में बताया। बालिका की रिपोर्ट पर से थाना नरयावली में भादवि, पॉक्सो एक्ट एवं एस.सी./एस.टी. एक्ट की विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। अभियोक्त्री के धारा 161 द.प्र.सं. एवं धारा 164 द.प्र.सं. के कथन तथा साक्षियों के धारा 161 द.प्र.सं. के कथन लेख किये गए। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।  न्यायाल में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त थोबन रैकवार को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 500-500 रूपये के अर्थदण्ड का दंडादेश पारित किया।

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