पशु चिकित्सा विभाग में नियुक्त 44 कर्मचारी बर्खास्त

 

2012 की विवादास्पद भर्ती प्रक्रिया पर न्याय की अंतिम मुहर .

रायगढ़। जिला रायगढ़ के पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग में वर्ष 2012 में चतुर्थ श्रेणी आकस्मिक निधि के अंतर्गत स्वच्छकर्ता/परिचारक सह चौकीदार पदों पर की गई सीधी भर्ती प्रक्रिया को अब अंततः पूरी तरह शून्य घोषित कर निरस्त कर दिया गया है। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, रायगढ़ द्वारा आज जारी आदेश क्रमांक 254/स्था.4/2025-26/रायगढ़, दिनांक 08.05.2025 के माध्यम से 44 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। यह फैसला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में दायर याचिका क्रमांक WPS 4441/2012 के तहत पारित आदेश के अनुपालन और जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।

अनियमितताओं की लंबी सूची : वर्ष 2012 में जारी विज्ञापन के आधार पर की गई इस भर्ती प्रक्रिया में निम्नलिखित गंभीर अनियमितताएं सामने आईं :

* महिला आरक्षण का उल्लंघन
* दिव्यांग और भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण का पालन न होना
* घोषित पदों से अधिक संख्या में भर्ती
* मेरिट सूची का प्रकाशन न करना
* उत्तर पुस्तिकाओं का अनुचित मूल्यांकन
* प्रतीक्षा सूची का निर्माण न करना
* अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति आरक्षण नियमों की अवहेलना

न्यायालय की सख्त टिप्पणी : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दिनांक 28.04.2023 को दिए आदेश में स्पष्ट कहा था कि नियुक्ति आदेश दिनांक 27.09.2012 को निरस्त किया जाता है और चयन प्रक्रिया की गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए पुनः जांच कर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जाए। इसके अनुपालन में जिला कलेक्टर कार्यालय ने जांच समिति गठित कर पुनः पूरी प्रक्रिया का परीक्षण करवाया।

सेवाएं समाप्त, लेकिन क्या अब जवाबदेही तय होगी? : प्रशासनिक आदेश के अनुसार अब 44 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, किंतु इस प्रक्रिया को संचालित करने वाले अधिकारियों, चयनकर्ताओं और प्रशासनिक जिम्मेदारों की भूमिका अब तक स्पष्ट नहीं हुई है। क्या यह केवल नियुक्त कर्मचारियों की बलि लेकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का प्रयास है? यह एक गंभीर जनचर्चा और जवाबदेही का विषय है।

वंचितों को न्याय कब मिलेगा? : इस भर्ती प्रक्रिया में जिन पात्र अभ्यर्थियों विशेषकर महिलाएं, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक और अनुसूचित जाति वर्ग – को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया गया, उनके लिए विशेष पुनरावेदन प्रक्रिया और मुआवजे की मांग अब ज़ोर पकड़ने लगी है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!