नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 5 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. न्यायालय दीपाली शर्मा विषेष न्यायाधीष (लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012), सागर, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी सोनू पटैल (काछी) उर्फ चन्द्र बाबू पिता गंधर्व कुशवाहा उम्र 23 साल, निवासी मीरखेडी थाना राहतगढ़ जिला सागर को धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में 03 साल का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 3(1)(w)(I) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड धारा 3(2)(v-.क) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी/विषेश अभियोजक रिपा जैन ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता ने थाना राहतगढ़ में इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि वह दिनांक 25.9.2016 को शाम के करीब 4 बजे हैंड पंप पर साइकिल से पानी लेने गई थी वही अभियुक्त सोनू काछी उसका पीछा करते हुए आया और बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया, वह चिल्लाई तो अभियुक्त सोनू काछी ने उसके मुंह को पकड़ लिया जिस पर से पीड़िता ने उसे धक्का देकर अपना हाथ छुड़ाया और साइकिल लेकर अपने घर आ गई। पीड़िता ने उक्त घटना के बारे में अपनी मां को बताया। पीड़िता की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत आरोपी सोनू पटैल (काछी) उर्फ चन्द्र बाबू को धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में 03 साल का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 3(1)(w)( i) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड धारा 3(2)(v-.क) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया!