विधायक व संसदीय सचिव के खिलाफ भड़का आक्रोश, सतनामी समाज के लोगों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव
बिलासपुर. तखतपुर विधायक और संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह के व्यवहार को लेकर आक्रोशित सतनामी समाज के लोगों ने आज कलेक्ट्रेट का घेराव किया। कलेक्ट्रेट के नाम सौंपे ज्ञापन में समाज के लोगों ने कहा है कि इस घटना के बाद समाज के नेताओं की समस्या बढ़ गई है, उन्हें झूठे केस में फंसाया जा सकता है उनके साथ अप्रिय घटना भी घट सकती है। सोमवार की दोपहर तखतपुर क्षेत्र के बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग क्षेत्रीय विधायक रश्मि आशीष सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। समाज के लोग विधायक के व्यवहार से आक्रोशित थे। काफी देर तक नारेबाजी करते हुए समाज के लोगों ने विधायक पर सतनामी समाज के लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। इसके बाद कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन पर समाज के लोगों ने गंभीर आरोप लगाए। क्षेत्र से पहुंचे लोगों का कहना था की पिछले दिनों 31 दिसंबर को तखतपुर विधानसभा के ग्राम कांठाकोनी में सतनामी समाज की ओर से बाबा गुरुघासीदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मंच में सामाज के नेता- संजीव खांडे व अन्य पहले से बैठे हुए थे। तभी छेत्रीय विधायक रश्मि आशीष सिंह वहां पहुंची उन्हें देखकर सामाजिक नेता मंच से उतर कर किनारे से बाहर जाने लगे। इसके पीछे की मुख्य वजह तखतपुर विधायक द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लोगो के साथ जातिगत भेदभाव रखना बताया। समाज के लोगों ने आरोप लगाया की विधायक उनके साथ रे.. बे.. तू तड़ाक से बात करतीं है। कहती है की अनुसूचित जाति के लोग उनको वोट नही देते इसलिए उनका काम नहीं करूंगी..। उनके इस व्यवहार से दुखी और आक्रोशित सतनामी समाज के नेताओं की बैठक पिछले दिनों आयोजित की गई थी। इस बैठक में विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर उन्हें किसी भी तरह से सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के बाद समाज के लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट का घेरावकर अपने जानमाल के रक्षा की गुहार लगाई है। कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में समाज के लोगों ने साफ तौर पर खा है की हमारे सामाजिक नेताओं के खिलाफ यदि कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसके लिए क्षत्रिय विधायक रश्मि आशीष सिंह जिम्मेदार होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में साधेलाल भारद्वाज, संजीव खांडे, हेमचंद मिरी, जितेंद्र बंजारा, सागर बंजारे, संजीत बर्मन, विनोद बंजारा अजीत घृतलहरे पिंटू खांडे, भरत जांगड़े , राजेश खांडे, नोबल नवरंग, मनोज, इतवारी कुर्रे, अरविंद नवरंग, विनोद घृतलहारे, अमर दिनकर, जीतेंद्र कुमार, नरेश मिरि, योगेंद्र पात्रे, संतराम लहरे, लछमी खांडे, राजू खांडे, अखिलेश कोसले, सलेंद्र आहूजा, ऋषि चतुर्वेदी, निर्मल कुमार, ट्रक, भानुप्रताप, कृष्ण जांगड़े, विवेकानंद दिनकर, बिहारी सिंह टोडर, संदीप खांडे, मनीष खांडे, रामचंद बंजारे, कोमल दिनकर, संदीप बर्मन, विकेश बंजारे, रामप्रसाद रात्रे, धनेश्वर भास्कर, गौतम बंजारे, गुलशन मेरसा, सूर्यकांत मेरसा, सुरेश अनंत, हिमालय राज मेरसा, काशीराम लहरे, ओमप्रकाश सोचें, दसरथ, मंगल लहरे, डेविड अनंत, रामझूल बंजारे, सोहर, रमेश कुमार, लव कुमार गेंदले, सूरज कुमार, कोमल टोडर, संत कुमार, कमल, नरेश सोनवानी, प्रियांसु डाहीरे, मोहित टांडे, मंगला सोचें, आशीष नवरंग, सूर्यकांत खांडे, अनिल अनंत, दुर्गेश कुमार बंजारे, राजेश कुमार भारती, राहुल पतले, नरेश बघेल, संजीत अनंत, साहिल कुर्रे, बर्फी खुटे, रतिराम कोसले, श्याम लाल कोसले, अमर मिरी, अजोरदास नवरंग, रामसेवक बघेल, राजू भरते, लखन, किशोर, सहित सैकड़ों की संख्या में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग उपस्थित थे।