रमन सिंह एवं भाजपा किसानों एवं गरीबों के विरोधी है : आरपी सिंह

रायपुर. भाजपा के किसानों को लेकर दावों पर तंज कसते हुये कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी.सिंह ने कहा है कि किसानों के हितों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा और डॉ. रमन सिंह ने इस राज्य के किसानों के साथ घोर अन्याय किया है तथा राज्य की गरीब जनता के खून-पसीने की कमाई के हजारों करोड़ रूपये रमन सरकार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके है। संदर्भ है राज्य में सिंचाई सुविधाओं के विकास के नाम पर किये गये व्यय का। छत्तीसगढ़ में कुल कृषि योग्य भूमि लगभग 57 लाख हेक्टेयर है। राज्य निर्माण के समय राज्य की कुल सिंचाई क्षमता 13.48 लाख हेक्टेयर थी। कांग्रेस सरकार ने 2000-03 की अवधि के बीच राज्य में 2.23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया। अर्थात लगभग 75 हजार हेक्टेयर प्रतिवर्ष की दर से सिंचाई रकबे में वृद्धि हुई। 2003 के अंत तक राज्य की कुल सिंचाई क्षमता 15.51 लाख हेक्टेयर हो चुकी थी। 
दिसंबर 2003 में नेतृत्व में भाजपा सरकार के गठन के बाद सिंचाई सुविधाओं के बजट में निरंतर वृद्धि होती गई। भाजपा के 15 वर्षो के शासनकाल में नवीन सिंचाई योजनाओं के निर्माण एवं रख-रखाव मद में कुल 18255 करोड़ रूपये व्यय किये गये। भाजपा सरकार के दावों के अनुसार दिसंबर 2018 तक राज्य की कुल सिंचाई क्षमता 21.02 लाख हेक्टेयर हो चुकी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी.सिंह ने कहा है कि भाजपा दावा कहती है कि भाजपा के 15 वर्षो के शासनकाल में लगभग 5.50 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ। (दिसंबर 2003-15.51 लाख हेक्टेयर, दिसंबर 2018-21.02 लाख हेक्टेयर)। इस तरह भाजपा के कार्यकाल में प्रतिवर्ष औसतन 37 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षमता का सृजन हुआ। दिसंबर 2018 के अंत तक सिंचित भूमि का रकबा 37 प्रतिशत होना बताया गया। लेकिन वस्तुस्थिति ठीक इसके विपरीत है। 15 वर्षो तक रमन सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के रख-रखाव की पूर्ण उपेक्षा की। जिसके कारण राज्य की वास्तविक सिंचाई क्षमता कम होती गई। दिसंबर 2018 की स्थिति में राज्य की सिंचाई की कुल निर्मित क्षमता 21.02 लाख हेक्टेयर के विरूद्ध वास्तविक सिंचाई मात्र 10.38 लाख हेक्टेयर में हुई, अर्थात 50 प्रतिशत से भी कम क्षमता का उपयोग किया जा सका। कुल सिंचाई क्षमता 37 प्रतिशत के दावे के विरूद्ध मात्र 20 प्रतिशत के आस-पास है। 
कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी.सिंह ने कहा है कि राज्य में विगत 15 वर्षो में निर्मित बराज, एनीकट एवं स्टाप डेम की कुल संख्या 722 है तथा इनसे कुल 85 हजार हेक्टेयर क्षेम में सिंचाई होना संभव है लेकिन रमन सरकार के कार्यकाल तक मात्र 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही वास्तविक सिंचाई संभव हो सकी। 15 वर्षो में 18 हजार करोड़ रूपये से भी अधिक राशि व्यय करने के बाद वास्तविक सिंचाई में कमी होना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि रमन सिंह एवं भाजपा किसानों एवं गरीबों के विरोधी है उन्हें किसानों के हितों की बात करने का काई नैतिक अधिकार नहीं है।

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