मुंबई में ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर देख गुस्साए अनुपम खेर, सुना डाली ऐसी-ऐसी बातें


नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा का कई दिग्गजों ने विरोध किया है. बेशक, हिंसा को किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता. जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर भी प्रदर्शनकारी जुटे, हालांकि ये प्रदर्शन जेएनयू हिंसा के विरोध में था, लेकिन इस दौरान ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर दिखाई दिए. इन पोस्टरों ने एक बार फिर सोचने को मजबूर कर दिया है कि क्या ये लोग कश्मीर को देश का हिस्सा नहीं मानते. ये चाहते हैं कि कश्मीर देश से अलग हो जाए. ये प्रदर्शन जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ था या फिर कश्मीर की आजादी के लिए.

इस प्रदर्शन और पोस्टर दोनों पर बहस शुरू हो गई है. बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर (Anupam Kher) ने भी इस पर ट्वीट किया है. पोस्टर शेयर करते हुए अनुपम खेर ने पूछा है कि जेएनयू हिंसा पर हो रहे इस प्रदर्शन में ये पोस्टर क्यों दिखाया गया? इसका क्या कनेक्शन है? क्या कोई जिम्मेदार व्यक्ति इसका विरोध करता है? अगर नहीं तो सॉरी ये छात्रों का आंदोलन नहीं है. इसका उद्देश्य कुछ और है.

सोमवार को जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में हतात्मा चौक से गेटवे तक मार्च निकाला गया. इस प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग जुटे.भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी इसमें पहुंचे थे. गेटवे ऑफ इंडिया का पूरा रास्ता ब्लॉक हो गया. इस प्रदर्शन में अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप, दीया मिर्जा, विशाल भारद्वाज और तापसी पन्नू जैसी हस्तियां शामिल हुई थीं, लोग इन हस्तियों से भी सवाल कर रहे हैं कि ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर लहराकर ये लोग क्या साबित करना चाहते हैं.

बता दें कि जेएनयू में हिंसा उस वक्त हुई जब जेएनयू की लेफ्ट छात्र इकाई के कार्यकर्ता और जेएनयू के टीचर फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान छात्रों के बीच मारपीट हुई और देर रात तक प्रदर्शन हुआ. कुछ नकाबपोश लोगों ने यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की और तोड़फोड़ मचाई. नकाबपोश लकड़ी के डंडों और लोहे की छड़ों से लैस थे. इस हिंसा में 20 से ज्यादा छात्र घायल हुए थे. जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हिंसा को अंजाम दिया है. वहीं एबीवीपी ने लेफ्ट विंग पर मारपीट करने का आरोप लगाया.

बता दें कि ‘फ्री कश्मीर’ का मतलब है कि कश्मीर को आजाद करो. गौरतलब है कि 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का विभाजन कर इसे जम्मू-कश्मीर और लद्धाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था.

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