पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राज्यपाल

बिलासपुर. पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह मंगलवार दोपहर बाद आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति अनुसुइया उइके ने किया। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे ।कोसा देव वस्त्रों से बने परिधान और अंगरखा पहनकर अतिथि और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राएं शोभायात्रा के साथ आयोजन स्थल पहुंचे । यहाँ सबसे पहले राष्ट्रगान की प्रस्तुति हुई जिसके बाद राज्य गीत भी प्रस्तुत किया गया। पहली बार समारोह में अरपा पैरी के धार की गूंज ने हॉल में अलग सी हलचल पैदा कर दी। कोसा के हल्के पीले रंग के वस्त्रों को पहने हुए अतिथि और छात्र-छात्राएं सिरपुर भवन से निकले। इनमें पद्मभूषण, गांधीवादी नेता और चिपको आंदोलन के प्रणेता चंडी प्रसाद भट्ट भी शामिल थे। दीप प्रज्वलन के पश्चात सभी अतिथियों को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा कुलपति डॉ वंश गोपाल सिंह शामिल रहे । 2 घंटे से अधिक चले समारोह में साल  2018 एवं 2018 19 के विभिन्न संकाय में प्राविण्य सूची में प्रथम स्थान अर्जित करने वाले 27 होनहार विद्यार्थियों को 45 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। जिनमें से 13 मेडल दानदाताओं द्वारा प्रदान किया गया। दोनों सत्रों के कुल 10 हज़ार 557 छात्र छात्राओं को  उपाधि प्रदान की गई। वैसे यहां मंच पर 41 विद्यार्थियों को  ही उपाधि प्रदान की गई। पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में 30 सरकारी स्कूल के बच्चों ने भी शिरकत की ।

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय उन विद्यार्थियों के लिए सार्थक सिद्ध हो रहा है जो किसी कारण से अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ जाते हैं ।उन्होंने पंडित सुंदरलाल शर्मा के व्यक्तित्व को भी याद किया। यहां उपस्थित चिपको आंदोलन से जुड़े चंडी प्रसाद भट्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी जंगल बचाने के लिए जंगल सत्याग्रह चलाया गया। उन्होंने दिल्ली की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलों को संरक्षित रखने का पूरा प्रयास किया गया है और देशभर में इस तरह के प्रयास की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने चार चिन्हारी का जिक्र करते हुए कहा कि जल्द ही वाटर ट्रीटमेंट और रिचार्जिंग के लिए डीपीआर तैयार किया जाएगा। प्रदेश में पराली जलाने की स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने गोठान में परालियो को भेजे जाने की योजना का भी जिक्र किया। छत्तीसगढ़ में पूर्व में हुए परीक्षा घोटालों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में कोई मुन्ना भाई बनकर नहीं उभरेगा। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रही राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में दूरस्थ अंचल में रहने वाले वनवासी और आदिवासियों के संरक्षण की बात कही ।उन्होंने कहा की पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय ऐसे ही क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षित कर रहा है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा देने के साथ भविष्य में होने वाले सामाजिक बदलाव को भी ध्यान में रखने की जरूरत है और सभी क्षेत्रों की तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी समय-समय पर परिवर्तन किया जाना चाहिए। पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था भी नजर आई। यहां किसी को भी कैमरा ,बैग आदि भीतर ले जाने नहीं दिया गया। वही उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के चेहरे पर यहाँ खुशी नजर आई।

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