पाकिस्तान ने भारतीय पोतों के लिए बंद किए बंदरगाह
नयी दिल्ली : पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ नए दंडात्मक कदम उठाए जाने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय ध्वज वाले पोतों के लिए अपने बंदरगाहों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इससे पहले, भारत ने इस्लामाबाद के खिलाफ नए दंडात्मक कदम उठाते हुए शनिवार को पाकिस्तान के साथ सभी डाक सेवाएं स्थगित कर दीं और भारतीय बंदरगाहों पर पाकिस्तानी ध्वज वाले पोतों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
भारत ने पाकिस्तान से आने वाले या वहां से गुजरने वाले माल के आयात और अपने बंदरगाहों पर पाकिस्तानी पोतों के प्रवेश पर भी शनिवार को प्रतिबंध लगा दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ ‘‘दृढ़ एवं निर्णायक” कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके बाद, पाकिस्तान ने शनिवार देर रात आदेश दिया कि भारतीय ध्वज वाले किसी भी पोत को किसी भी पाकिस्तानी बंदरगाह पर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा पाकिस्तानी पोतों को किसी भी भारतीय बंदरगाह पर रुकने की अनुमति नहीं होगी। पाकिस्तान के समुद्री मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि उसने समुद्री संप्रभुता, आर्थिक हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्तमान स्थिति के संदर्भ में भारतीय पोतों पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारतीय ध्वज वाले पोतों को किसी भी पाकिस्तानी बंदरगाह तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह, पाकिस्तानी ध्वज वाले पोत किसी भी भारतीय बंदरगाह पर नहीं जाएंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी से मिले वायु सेना प्रमुख
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (Air Chief Marshal AP Singh) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब इससे ठीक एक दिन पहले ही नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री से भेंट की थी।दोनों प्रमुखों की प्रधानमंत्री से मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। दरअसल, फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर हवाई हमले किए थे। उसके बाद से भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी इज़ाफा हुआ है। खास तौर से लंबी दूरी की मिसाइलें, आधुनिक हवाई सुरक्षा प्रणाली और राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान इस ताकत का हिस्सा बन चुके हैं। राफेल में ऐसी मिसाइलें हैं जो अत्यंत सटीकता के साथ लक्ष्य भेद सकती हैं। वहीं, रूस निर्मित एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ कई खतरों को ट्रैक और निशाना बना सकता है।