आंगनबाड़ियों में घटिया सामान खरीदी करने वालो को बचाने के लिए जांच कमेटी बनाई गई

महिला एवं बाल विकास विभाग ने लेनदेन कर 40 करोड रुपए की घटिया सामान खरीदी की

रायपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़ों के द्वारा आंगनबाड़ियों में घटिया सामान खरीदी के लिए बनाई गई जांच कमेटी को बचाव कमेटी बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में सप्लायरों से मोटी रकम लेकर 40 करोड रुपए की घटिया सामानों की खरीदी की और उन्हें आंगनबाड़ियों में सप्लाई किया गया, जिसका पर्दाफा़स होने के बाद अब मंत्री पूरे मामले की जांच कराकर कार्यवाही की बात कर रहे हैं असल में मंत्री के द्वारा बनाई गई जांच कमेटी मामले में लीपापोती करेगी और घटिया सामान खरीदी और सप्लाई करने वालों को बचाएगी। मंत्री के बिना संरक्षण के घटिया समानों की खरीदी नहीं हो सकती। समान सप्लायरों से बड़ा लेनदेन हुआ है अब पोल खुलने के बाद कार्यवाही की बात कही जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 1500 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रो में घटिया एवं गुणवत्ताहीन अनाज की कोठी, फर्नीचर, बर्तन, सेनेटरी मशीन, वजन मापने की मशीन, जंग लगा नेल कटर, टूटा हुआ टब, चूहा कुतरा हुआ साबुन, घटिया वाशिंग पावडर की सप्लाई किया गया। यह सारे सामान उपयोग के लायक नहीं थे। इन्हें आंगनबाड़ी केदो में पहुंच कर जिम्मेदार लोग सारा ठीकरा आंगनबाड़ी केदो में फोड़ने वाले थे लेकिन पर्दाफाश होने के बाद अब इसकी जांच की बात कर रहे हैं। जिस विभाग के द्वारा गड़बड़िय कि गई है उसी विभाग के अफसर अपने ही खिलाफ लगे आरोपों की जांच कैसे करेंगे?

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री को बताना चाहिए जब आंगनबाड़ी केन्द्रो में सामान सप्लाई किया गया क्या उसका भौतिक सत्यापन क्यो नहीं किया गया? सरकारी मापडंडों का पालन क्यो नहीं किया गया? उसकी निविदा क्यों नहीं बुलाई गई? और अब जब प्रमाणित हो गया है कि सारे सामान खराब थे तो सप्लायर को ब्लैक लिस्टेड क्यों नहीं किया गया? सामान खरीदी के लिए जिम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड क्यों नहीं किया गया बहुत सारे सवाल है इन्हीं सवालों के जवाब से बचने के लिए और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए अब जांच कमेटी बनाया गया है यह जांच कमेटी नहीं है बल्कि घोटालेबाज बचाओ कमेटी है इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और मंत्री को भी जिम्मेदारी लेना चाहिए। सरकार की संलिप्तता और भागीदारी के बिना यह फर्जीवाड़ा संभव नही है।

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