May 5, 2024

जनता की जेब काटकर खजाना भर रही है दिवालिया मोदी सरकार : कांग्रेस


रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान से साफ़ हो गया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की दिवालिया हो चुकी सरकार अपना घाटा पूरा करने के लिए लगातार पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ा रही है और जनता की जेब काटकर अपना खजाना भर रही है. उन्होंने कहा है कि कहने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों की क़ीमत तय करने का जिम्मा पेट्रोलियमन कंपनियों पर है लेकिन एक्साइज़ टैक्स तो नरेंद्र मोदी जी ही बढ़ा रहे हैं और चुनाव के समय क़ीमतें रोकने का फ़ैसला भी मोदी सरकार का ही था।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि धर्मेंद्र प्रधान झूठ बोल रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोलियम के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि सच यह है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल के जो दाम थे उसकी तुलना में इस समय कच्चे तेल के दाम बहुत कम हैं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि सच यह है कि नरेंद्र मोदी की ख़राब अर्थ नीति की वजह से केंद्र सरकार का खजाना खाली हो गया है और मोदी जी को समझ में नहीं आ रहा है कि इसे कैसे ठीक किया जाए. उन्होंने कहा है कि इसी लिए उन्होंने देश की जनता की जेब काटकर अपना ख़जाना भरने का तरीक़ा निकाला है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि मोदी जी को संभवतः समझ में नहीं आ रहा है कि पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ाने के दूरगामी परिणाम होते हैं और हर खेती किसानी से लेकर हर उपभोक्ता वस्तु पर इसका असर पड़ता है.

उन्होंने कहा है कि पेट्रोलियम मंत्री अंतरराष्ट्रीय  बाजार में क्रुड ऑयल की कीमतों के लेकर शुरू से ही लगातार झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, उस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रुड ऑयल की कीमत गिरकर 44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका श्रेय स्वयं की किस्मत को दिया था। तब भी केन्द्र सरकार ने क्रुड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट से जनता को राहत देने के बजाए इस पर भारी भरकम एक्साइज ड्यूटी लगाकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी नहीं की । तब से यह सिलसिला बदस्तुर आज भी जारी है। इसके विपरित यू पी ए सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर से 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने एक्साइज ड्यूटी में कमी कर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगायी थी। तब देश में पेट्रोल 74 रू. और डीजल 58 रू. प्रति लीटर पर मिल रहा था। लेकिन मोदी सरकार का उल्टा अर्थशास्त्र वर्ष 2014 से चल रहा है और आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें 100 रू. के पार पहुंच गई है। तुलनात्मक चार्ट के माध्यम से स्थिति इस प्रकार है :

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रुड ऑयल और देश में पेट्रोल-डीजल के मूल्य

 

वस्तु का नाम डॉ. मनमोहन सिंह राज (2014) श्री नरेन्द्र मोदी राज (2014-21)
क्रुड ऑयल दाम 110 से 130 डॉलर प्रति बैरल 44 से 70 डॉलर प्रति बैरल
पेट्रोल रू. 74/- प्रति लीटर रू. 80 से 94 प्रति लीटर
डीजल रू. 58/- प्रति लीटर रू. 65 से 93 प्रति लीटर

सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी

सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी डॉ. मनमोहन सिंह 2014 श्री नरेन्द्र मोदी 2021 बढ़ोत्तरी प्रतिशत में
पेट्रोल रू. 9.48 रू. 32.90 247 प्रतिशत
डीजल रू. 3.56 रू. 31.80 793 प्रतिशत

श्री वर्ल्यानी ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार एक्याइज ड्यूटी में लगातार बढ़ोत्तरी करती आई है जबकि विभिन्न राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वेट दरें 2014 से आज तक यथावत् है। पेट्रोलियम मंत्री एक्साइज ड्यूटी की बढोत्तरी से ध्यान भटकाने के लिए हमेशा राज्यों को सलाह देती है कि वे वेट की दरों में कमी करके राहत पहुंचाए। जी.एस.टी के बाद राज्यों के पास राजस्व का स्रोत पेट्रोल-डीजल पर वेट टैक्स ही शेष रह गया है।

प्रवक्ता श्री वर्ल्यानी ने आगे पेट्रोलियम मंत्री की इस स्वीकारोक्ती पर कि केंद्र सरकार के आय-व्यय में स्थिति ”आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपैया” वाली स्थिति होने से पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कमी करना संभव नहीं है- पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार को देश की आम जनता की भलाई से कोई सरोकार नहीं है। मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से 22 लाख करोड़ रू. जनता से लूट लिये और कार्पोरेट घरानों की कंपनियों के कार्पोरेट टैक्स में 10 प्रतिशत कमी करके उन्हें 1,46,000 करोड़ रू. का टैक्स बेनीफीट दिया। केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 20000 करोड़ रू. खर्च कर रहीं है और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए दो नये हवाई जहाज 16000 करोड़ रू. में खरीदे जा रहे हैं। मोदी सरकार की यही असली पहचान है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जहां रेल-बस सफर महंगा होगा, वहीं ट्रक परिवहन के बढ़ने से आम उपभोक्ता वस्तुएं महंगी होंगी। किसान की खेती की लागत बढ़ जाएगी और कोरोना काल में घटती आमदनी के बोझ तले आम-आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post प्रदेश में पहली और दूसरी डोज को मिलाकर अब तक 71.51 लाख टीके लगाए गए
Next post अनुकंपा नियुक्ति मिलने से खुश है, देवेन्द्र ने सोचा न था कि इतनी जल्दी मिलेगी नौकरी
error: Content is protected !!