यात्री सुविधाओं को दर किनार कर माल गाडिय़ों को पटरी पर दौड़ा रही है केन्द्र सरकार

 

वक्त और सांसे,दौलत से भी ज़्यादा कीमती हैं..जनाब

 

बिलासपुर. देश को सर्वाधिक आय प्रदान करने वाला बिलासपुर रेलवे जोन मुख्यालय से महज 7 से 8 किलोमीटर दूर यात्री गाड़ी का कोयला से भरी मालगाड़ी से जा टकराना रेलवे प्रशासन कोयला ढुलाई को कितनी प्राथमिकता दे रहा है उसका सबसे बड़ा उदाहरण है एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत, सैकड़ो घायल उसके बावजूद रेल प्रशासन के उच्च अधिकारियों का घटना स्थल पर हंसी ठिठोले के साथ बयान बाजी पीड़ितों को सहायतार्थ पहुंचने के बजाय खुद के जलपान की व्यवस्था में लगे रहने का विकृत रूप दिखाई दिया!
2014 के बाद से केंद्र में बैठी सरकार ने लगातार रेलवे द्वारा आम लोगों को दिए जाने वाली विभिन्न सुविधाएं में बड़ी कटौती करते हुए यात्री ट्रेनों के परिचालन में अवरोध उत्पन्न कर देश के छोटे स्टेशनों में यात्री गाड़ियों के ठहराव को समाप्त कर उक्त क्षेत्र के यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं से बेदखल कर माल ढुलाई को प्राथमिकता देते हुए यात्री गाड़ियों की लेट लतीफी मनमाना परिचालन का परिणाम आम लोगों को भोगना पड़ा रेल रेलवे प्रशासन की मनमानी का परिणाम हमारी आपकी भारतीय रेल अदानी की हो गई जिसके इशारे पर प्लेटफॉर्म में माल गाड़ियां आउटर पर यात्री रेल गाड़ियां खड़ी दिखाई देने लगी प्लेटफार्म नंबर 1 यात्री गाड़ियों से गुलजार रहा करता था अब वहां मुंह चढ़ती मालगाड़ियां खड़ी रहती हैं!
अर्थहीन है वो सबकुछ,जो समय पर ना मिला हो उम्मीदें विश्वास के साथ यात्रा करने वाले लोगों की पटरी से उतर गई जिंदगी बड़ी-बड़ी बातें “कवच” का गुणगान सब धरा का धरा रह गया लोगों की जिंदगी की कीमत कोयले से भी काम हो गई प्राथमिकता आज भी कोयला की ढुलाई और अडानी की कमाई है राज्य के लिए कोयला अभिशाप सिद्ध हो रहा है खुदाई के नाम पर लाखों पेड़ों की बाली ढुलाई के नाम पर यात्रियों की बाली बेहद गंभीर चिंतन का विषय है ईश्वर से प्रार्थना ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले मृत्यु आत्मा को शांति मिले!

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