जर्जर क्वार्टर में रहने के लिए मजबूर है पुलिस कर्मचारी


रतनपुर.  नगर के पुलिस कॉलोनी में 7 से अधिक कर्मचारी और उनके परिवार जर्जर क्वार्टरों में रह रहे हैं । जो कि कभी भी गिर सकता है जिसके चलते  कोई बडा़ हादसा हो सकता है । वही बच्चों को भी पढ़ाई में काफी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है । क्योंकि  बरसात के मौसम में ऊपर से भी पानी टपक रहा है । लेकिन पुलिस के आला अफसर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं । यदि कोई घटना होता है तो इसका  जिम्मेदार कौन होगा । वही अंग्रेजों के जमाने के सरकारी क्वार्टरो के मरम्मत के लिए कोई फंड नही है। जिसके चलते कर्मचारियों को खुद खर्च करना पड़ रहा है ।
कई कर्मचारी किराए के मकान और धर्मशाला में रहने पर मजबूर हैं जिनके लिए अभी तक नए आवासों का निर्माण नहीं हुआ है ।

इस संबंध में  बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग के कर्मचारी अंग्रेजों के जमाने में बने क्वार्टर में रह रहे हैं जो कि 90 साल से अधिक पुराना क्वार्टर जर्जर हो चुका है इन क्वार्टरों में आज भी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य गुजर-बसर कर रहे हैं क्वार्टरों में मरम्मत का काम पुलिस विभाग द्वारा नहीं किए जाने के कारण कर्मचारी खुद खर्च कर व्यवस्था करने में लगे हैं जहां पर सिपाही प्रधान आरक्षक आरक्षक और थानेदार रहते हैं । जर्जर हो चुके कुछ क्वार्टरों को पुलिस के कर्मचारियों ने मरम्मत कार्य कराने का बीड़ा उठा लिया है नए मकानों का जहां पर निर्माण कार्य अभी तक नहीं
हुआ है जर्जर हो चुके सरकारी क्वार्टर में रहने लायक नहीं होने के कारण अधिकांश कर्मचारी यहां रहने से कतराते हैं कई मकान ऐसे हैं जो कभी भी भरभरा कर गिर सकता हैं ।


ऊपर से टपक रहा पानी

रतनपुर का पुलिस कॉलोनी 90 साल करीब पुराना  हो गया है  जोकि जर्जर हो चुका हैं  इन आवासों की हालत इतनी खराब है कि ऊपर से पानी टपक रहा है जहां पर निवासरत पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को भी पढ़ाई में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां पर पुलिस के स्टाफ पन्नी लगाकर किसी तरह  अपने  परिवार के साथ रहने पर  मजबूर है।

समस्याओं का अंबार लगा

पुलिस कॉलोनी में पानी की सबसे बड़ी समस्या है जहां पर दो हेडपंप हैं जोकि दोनों ही खराब हो चुके हैं । वही शौचालय की स्थिति भी काफी खराब हो चुकी है जर्जर मकानों के चलते सांप बिच्छू का डर बना रहता है । सुबह शाम वे किसी तरह से टेप नल से पानी भर रहे हैं कई बार तो उन्हें नहाने के लिए भी काफी दिक्कतें होती है लेकिन जिला पुलिस विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है जिसके चलते पुलिस कॉलोनी में रहने वाले लोग काफी परेशान हैं ।

जर्जर भवन की मरम्मत के लिए मजदूर नहीं मिल रहे

जब मीडिया कर्मी जर्जर भवन की पड़ताल के लिए पहुंचे तो देखा कि रतनपुर थाना के स्टाफ अपने अपने आवासों के भवनों की मरम्मत करते  नजर आए । कोई मकान के ऊपर चढ़ा था तो कोई खपरैल ढो हो रहा था । मरम्मत के लिए मजदूर भी भवन के ऊपर चढ़ने से डरते हैं क्योंकि यह पुलिस कॉलोनी की आवास 90 साल पुराना है जो कि कभी भी गिर सकता है । ऐसे में मजदूर भी इन भवनों के ऊपर चढ़ कर कोई कार्य नहीं करना चाहते हैं । जिसके चलते स्टाफ स्वयं अपने अपने आवासो की मरम्मत कार्य में लगे हैं।

कर्मचारी रहते हैं किराए के मकानों में

पुलिस विभाग में कार्यरत 36 कर्मचारियों को सरकारी आवास नहीं मिल रहा है जिसके चलते  कर्मचारी किराए के मकानों में रह रहे हैं इनमें प्रधान आरक्षक आरक्षक सिपाही के साथ एस आई शामिल है वहीं किराए के भत्ते भी पुराने सेटअप में होने के कारण महज काफी कम रुपए कर्मचारियों को मिलते हैं । जबकि किराए के कमरों का रेट बहुत अधिक है नाम नहीं छापने पर एक कर्मचारी ने बताया कि कई स्टॉप सूट भवन में रहते हैं जहां पहले 1000 रुपये किराया था । लेकिन ट्रस्ट के द्वारा अभी बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया गया है ।

किसी ने नहीं दिया ध्यान

छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस की सरकार रही है लेकिन किसी ने भी इस पुलिस कॉलोनी को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया है । जबकि मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल के साथ सारे आला अफसर रतनपुर के मंदिरों में दर्शन करने पहुंचते हैं । जहां पर उन्होंने इन पुलिसकर्मियों का कोई  शुद्ध अब तक नहीं लिया है । जबकि हमेशा इनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रतनपुर पुलिस मुस्तैद रही है ।

बोर खनन कर  खुला छोड़ दिया

रतनपुर पुलिस कॉलोनी के पास पानी की व्यवस्था को लेकर दो  बार बोर खनन कराया गया है । जिसे  खुला छोड़ दिया गया है जो कि दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं  बोर खनन को खुला छोड़ने से कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है ऐसे बोर खनन कर खुला छोड़ने से कई राज्यों में कई बड़ी घटनाएं भी घट चुकी है जिसमें  छोटे-छोटे बच्चे गिर चुके हैं उसके बावजूद भी रतनपुर स्थानीय प्रशासन इसे लेकर गंभीर नहीं है ना ही वह इस ओर कोई ध्यान दे रही है ।

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