बोर्ड परीक्षा में 8 लाख बच्चे हिंदी विषय में हुए फेल, विशेषज्ञों ने इसे बताया कारण


लखनऊ. यूपी बोर्ड (UP Board Result 2020) के रिजल्ट इस बार चौंकाने वाले रहे हैं. भारत की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा में हिंदी (Hindi) के विषय में 8 लाख बच्चे फेल हो गए. एक हिंदीभाषी प्रदेश में लाखों की संख्या में बच्चों का फेल होना विशेषज्ञों को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है.

मध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक महामंत्री आर पी मिश्रा ने कहा कि यूपी बोर्ड के 8,00,000 बच्चों के फेल होने के पीछे एक वजह संस्थानों में शिक्षकों की बड़ी कमी है. सरकार के पास जो आंकड़े मौजूद है उसके मुताबिक करीब 7000 शिक्षकों की कमी है.

इसके अलावा दूसरी वजह यह भी है कि लोग यह मान लेते हैं कि हिंदी मातृभाषा है पढ़ना और लिखना आता है, इसलिए पास हो जाएंगे ऐसा नहीं है. कुछ और गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा की आवश्यकता है और इसके लिए शिक्षक भी होने चाहिए.

वहीं कांग्रेस विधायक दीपक सिंह ने बताया कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है. लेकिन ये सरकार शिक्षा का भी भगवाकरण में जुटी है. शिक्षा का हाल बहुत बुरा है और पब्लिक स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है.

बता दें कि यूपी बोर्ड ने 27 जून को कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए थे. भारत की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा में इस साल हिंदी विषय के पेपर में लगभग 8 लाख से ज्यादा छात्र फेल हो गए हैं. इस साल कक्षा 12वीं में 2.70 लाख छात्र हिंदी के पेपर में फेल हुए हैं, जबकि कक्षा 10वीं में हिंदी विषय में फेल होने वाले छात्रों की संख्या 5.28 लाख है. इसके अलावा, लगभग 2.39 लाख छात्रों ने हिंदी के पेपर को छोड़ दिया था.

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