मटियारी गांव में पसरा मातम, अंतिम संस्कार में पहुंचे जिला पंचायत सभापति

बिलासपुर.  सीपत थाना क्षेत्र के मटियारी में एक ही परिवार की छः लोगों की हत्या और हादसे की जानकारी के बाद गांव से लेकर शहत तक सनसनी फैल गयी। सीपत पुलिस भी जानकारी के बाद मौके पर पहुंच गयी। पंचनामा कार्रवाई के बाद शव को परिजनों के हवाले किया गया। इस बीच जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर दुख और चिन्ता जाहिर की। जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने परिवार में मृतक मुखिया के बड़े भाई को दस हजार रूपए का सहयोग कर दाह संस्कार की व्यवस्था की। साथ ही सरपंच को यथा संभव आर्थिक सामाजिक सहयोग दिए जाने का निर्देश भी अंकित गौरहा ने दिया। बताते चलें कि परिवार का गुजारा रोज मजदूरी होता था।

बताते चलें कि सीपत थाना क्षेत्र के मटियारी गांव में सुबह पुलिस को जानकारी मिली कि परिवार का बड़ा लड़का रोशन सूर्यवंशी अपने माता पिता,  भाई बहन समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद घर से फरार होने के चक्कर में घर के सामने ही रोशन हाइवा की चपेट में आ गया। जिसके कारण उसकी भी मौके पर ही मौत हो गयी। एक परिवार के कुल 6 सदस्यों की मौत की खबर गांव में  बिजली की तरह फैल गयी। खबर सुनने के बाद बिलासपुर में पुलिस महकमा भी सन्न हो गया।

पुलिस के अनुसार रोशन सूर्यवंशी ने कुल्हाड़ी से रूपदास सूर्यवंशी,मां संतोषी बाई,छोटा भाई रोहित सूर्यवंशी, छोटी बहन कामनी सूर्यवंशी, छोटा भाई ॠषि सूर्यवंशी को देर रात तीन बजे कुल्हाड़ी से मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वह भागने के लिए घर से निकले और रोशन हाइवा के चपेट में आ गया।एक ही परिवार के बीच 6 लोगों की मौत से गांव में दहशत फैल गयी। शाम को पंचनामा कार्रवाई के बाद शव को रूपदास के बड़े भाई मेलाराम के हवाले किया गया। ग्रामीणों की उपस्थिति में परिवार के सभी 6 सदस्यों का अंतिम क्रियाकर्म किया गया।
मानसिक रूप से बीमार और नशेड़ी था रोशन
घटना के बाद ग्रामीणों की चेहरे पर खौफ नजर देखने को मिला। हादसे में मृतक रूपदास का बड़ा भाई मेलाराम ने बताया कि रोशन सिंह नशेड़ी और दिमाग से कुछ कमजोर था। परिवार के सभी सदस्य रोजी मजदूरी कर पेट पाल रहे थे। रोशन ने एक ही झटके में परिवार को मौत के घाट उतार दिया। मेलाराम ने जानकारी दी कि वह अपने परिवार के साथ मस्तूरी में रहता है। रोजी मजदूरी कर पेट पालता है।
जिला पंचायत सभापति ने दिया दस हजार
इस दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने मेलाराम को अंतिम संस्कार के खर्च के लिए अपनी तरफ दस हजार रूपए दिए। साथ ही सरपंच को निर्देश दिया कि कठिन परिस्थितियों में मृतक परिवार के बडे भाई को यथा संभव मदद करें। जिला पंचायत गौरहा ने मेलाराम को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही सम्पर्क में बने रहने की बात कही। अंकित ने बताया कि इस भीषण त्रासदी को झेलना बहुत मुश्किल है। बावजूद इसके हम मेलाराम के साथ हैं। जरूरत के अनुसार मदद भी करेंगे।

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