CAIT 9 अगस्त को मनाएगा ‘चीन भारत छोड़ो’ दिवस, रक्षाबंधन पर बीजिंग को 4 हजार करोड़ का झटका


नई दिल्ली. इस वर्ष के राखी के त्योहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) ने चीन (China) को 4 हजार करोड़ रुपये के राखी कारोबार को बड़ा झटका देकर इस मिथक को तोड़ दिया हैं कि भारत में चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं हो सकता. चीन की वस्तुओं के बहिष्कार अभियान को और अधिक तेजी से देशभर में चलाए जाने के संकेत कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिए हैं.

कैट ने गत 10 जून से चीनी सामान के बहिष्कार के अंतर्गत इस वर्ष राखी के पर्व को ‘हिंदुस्तानी राखी’ के रूप में मनाने की आह्वान किया था. यह पूर्ण रूप से सफल रहा. भारतीय राखी निर्माताओं ने भी भारतीय सामान से राखियां बनाई जिन्हे देशभर में खूब सराहा गया.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग 50 करोड़ राखियों का व्यापार होता है जिसकी कीमत लगभग 6 हजार करोड़ रुपये है. गत अनेक वर्षों से चीन से प्रतिवर्ष राखी या राखी का सामान लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का आता था, जो इस वर्ष नहीं आया. कोरोना के डर के कारण बड़ी मात्रा में लोग बाजारों में नहीं गए हैं और न ही ऑनलाइन से राखियों की खरीददारी की है.

कैट ने देशभर के लोगों से कहा कि अपने ही घरों में घास, केसर, चंदन, चावल तथा सरसों के दाने एक रेशम के कपडे में मौली या कलावा के साथ बांध लें जिससे यह वैदिक राखी बन जाए और यह राखी भाई को बांधी जाए. यही राखी सबसे शुद्ध एवं पवित्र होती है और पुराने समय में इसी प्रकार की राखी इस्तेमाल की जाती थी.

भरतिया और खंडेलवाल ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अगले कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि आगामी 9 अगस्त, भारत छोड़ो आंदोलन के दिन को देशभर के व्यापारी इस दिन को ‘चीन भारत छोड़ो’ अभियान शुरू करेंगे. इस दिन देशभर में 800 से ज्यादा स्थानों पर व्यापारी संगठन शहर के किसी प्रमुख स्थान पर एकत्र होकर चीन भारत छोड़ो के शंखनाद करेंगे.

दूसरी ओर 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आगामी 5 अगस्त को भारत के स्वाभिमान और गौरव के प्रतिक श्री राम मंदिर के निर्माण के प्रारम्भ होने के अवसर पर 4 अगस्त को देशभर में व्यापारी अपने घरों और बाजारों में सुंदरकांड का पाठ करेंगे. 5 अगस्त को व्यापारी सारे देश में अपनी दुकानों और घरों में दीप जलाकर  शंख, नाद, घंटे-घड़ियाल आदि बजाएंगे.

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