सिटी कोतवाली पुलिस ने 2 साल पहले हुए टोनही प्रताड़ना केस में फरार आरोपियों को धर-दबोचा


बिलासपुर. सिटी कोतवाली पुलिस ने पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर अपनी सक्रियता से बिलासपुर के गोंडपारा में हुए पूर्ण ही प्रताड़ना केस के उन आरोपियों को 2 साल बाद धर दबोचा। जिन्होंने 5 मई 2018 की रात शत्रुघ्न तिवारी पिता झुमक तिवारी के गोंडपारा स्थित निवास में घुसकर जादू टोना करते हो कहकर लात घूंसे से उसकी पिटाई की। इस पिटाई से गंभीर रूप से घायल हुए शत्रुघ्न तिवारी की बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई। इन तीन आरोपियों मनु सोनी राम सिंह परिहार और राकेश दुबे ने टोनही प्रताड़ना का आरोप लगाकर शत्रुघ्न तिवारी को इतना पीटा कि सिर में लगी गंभीर चोट के कारण मरणासन्न  शत्रुघ्न तिवारी को पहले सिम्स बिलासपुर, उसके बाद अपोलो और फिर राम कृष्णा रायपुर तथा मेडिकल कॉलेज रायपुर में इलाज के लिए भर्ती किया जाता रहा। लेकिन उसकी तबीयत घातक चोट के कारण बिगड़ती गई और अंत में इस मारपीट के चलते ही ज्ञशत्रुघ्न तिवारी की मौत हो गई। इसके बाद से तीनों आरोपी गुन्नू सोनी, राय सिंह परिहार और राकेश दुबे लगातार फरार बने रहे।इस बात की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल ने आरोपियों की पतासाजी के सख्त निर्देश दिए। जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री ओपी शर्मा के निर्देश पर सीएसपी निमेष बरैया द्वारा एक विशेष टीम आरोपियों की पतासाजी के लिए बनाई गई। इस टीम में सिटी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक श्री कलीम खान निरीक्षक सुनील तिर्की, आरक्षक राजेश नारंग, आरक्षक अजय शर्मा, आरक्षक दीपक उपाध्याय, तथा आरक्षक अश्फान खान को शामिल किया गया। इस टीम ने पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार ताबड़तोड़ पतासाजी करते हुए यह जानकारी हासिल कर ली की आरोपियों में से एक मनु सोनी,शहडोल में राम सिंह परिहार सक्ति में और राकेश दुबे,बम्हनींडीह में छुपे हुए हैं। यह जानकारी मिलने पर सिटी कोतवाली पुलिस ने तीनों जगह पर एकमुश्त छापामारी कर, तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस तरह पुलिस की सक्रियता ने 2 साल पुराने टोनही प्रताड़ना मामले में  आरोपियों की गिरहबांन पर हाथ डालकर लोगों के मन में पुलिस के प्रति भरोसे में इजाफा ही किया है।

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