ताइवान के मंत्री ने बताया किस ‘मंत्र’ के जरिए Coronavirus को दी मात
नई दिल्ली. कई मोर्चों से खतरों का सामना करने के बावजूद ताइवान ने जिस कुशलता से कोरोना वायरस (CoronaVirus) का मुकाबला किया है, उसकी पूरी दुनिया मुरीद है. ताइवान के डिजिटल मंत्री और दुनिया के पहले ट्रांसजेंडर मंत्री ऑड्रे तांग (Audrey Tang) ने बताया कि कैसे उनके देश ने COVID-19 के खिलाफ जंग जीती. साथ ही उन्होंने चीनी आक्रमण और भारत द्वारा चीनी ऐप्स पर लगाये गए प्रतिबंध के विषय पर भी खुलकर बात की.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमने अपने नागरिकों पर भरोसा किया, जो कि सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, फिर तकनीक और मेडिकल उपायों की बारी आती है. मुझे लगता है कि सामाजिक नवाचार के लिए तीन स्तंभ हैं तेज, निष्पक्ष और मजेदार (Fast, fair and fun) और कोरोना के खिलाफ जंग में ताइवान मॉडल इन्हीं पर केंद्रित था.
ताइवान मॉडल को विस्तार से समझाते हुए मंत्री ने कहा, ‘दिसंबर में जब चीनी डॉक्टर ली वेनलियानग ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी, तो हमने तुरंत इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी. हमने जनवरी की शुरुआत से ही चीन से ताइवान आने वालीं फ्लाइट पर नजर रखना शुरू कर दिया’. ताइवान मॉडल के तीसरे स्तंभ यानी ‘मजेदार’ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हमने लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए काफी रोचक तरीके अपनाए. हमने इसके लिए मीम और पोस्टरों की मदद ली.
यह पूछे जाने पर कि ताइवान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मदद के बिना सरकारों की मदद कैसे की, डिजिटल मंत्री ने कहा, ‘वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (WHA) से ठीक पहले हमने अपनी डिजिटल प्री- WHA असेंबली आयोजित की, जिसमें हमने अपनी ‘प्लेबुक’ के बारे में जानकारी साझा की, जिसे आप ताइवान मॉडल भी कह सकते हैं’. उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों ने महामारी को नियंत्रित करने के लिए ताइवान मॉडल में रुचि दिखाई और उन्होंने डब्ल्यूएचओ द्वारा पहुंच प्रदान नहीं किए जाने के बावजूद मंत्री स्तर पर बातचीत के जरिये इस पर काम शुरू किया.
ऑड्रे ने चीनी ऐप्स के कारण उत्पन्न हो रहे सुरक्षा और गोपनीयता उल्लंघन के खतरे पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि ताइवान डेटा की स्वतंत्रता के लिए मौलिक अधिनियम पर भी काम कर रहा है और जल्द ही उसके पारित होने की उम्मीद है. चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ताइवान के मंत्री ने कहा, ‘गोपनीयता की रक्षा के लिए जिस तरह से भारत ने कदम उठाये हैं, हमें उससे बहुत कुछ सीखना होगा’.
सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के प्रसार पर ऑड्रे ने कहा कि सोशल मीडिया को एंटी-सोशल होने की ज़रूरत नहीं है. ऐसी कई वेबसाइट हैं, जिनका इस्तेमाल नए विचारों और नवाचार को सीखने के लिए किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया वेबसाइट पर केवल ‘आक्रोश’ और ‘विभाजन’ ही नहीं है. वहां हमें अभी भी प्यारे बिल्ली या कुत्तों की तस्वीरें देखने को मिल जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मंचों के माध्यम से फैलाए जाने वाले ‘रूमर’ का मुकाबला ‘ह्यूमर’ से किया जाना चाहिए.