गंगा नगर फेस-2 में अपने ही जमीन में मकान बनाने दर-दर भटक रही बेवा महिला

बिलासपुर. ग्राम मंगला के गंगा नगर फेस-2 में रजिस्ट्री की जमीन पर आम रास्ता निकालने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तत्कालीन नगर निगम उपआयुक्त हिमांशु तिवारी और अपने आप को भाजपा नेता बताने वाले लोग बेवा महिला को मकान बनाने नहीं दे रहे हैं। बिलासपुर नगर निगम में उपआयुक्त रहे हिमांशु तिवारी का मकान भी इसी कालोनी में है, वे अपना हित साधने के चक्कर में महिला के 6 डिसमिल रजिस्ट्री जमीन पर आम रास्ता बताकर उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। सीमांकन रिकार्ड में कोई रास्ता उक्त जमीन पर नहीं दर्शाया गया है इसके बाद भी इस कालोनी में रहने वाले रसूखदार लोग हिमांशु तिवारी के कहने पर जबरिया मामले को विवाद का रूप दे रहे हैं। हिमांशु तिवारी द्वारा किए जा रहे अत्याचार की शिकायत पीडि़त बेवा महिला सरस्वती बाई ने मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री से करने की बात कहीं है।
ग्राम मंगला के पहनं 21 खसरा नंबर 1048 गंगानगर फेस-2 में कुल 12 डिसमिल थी जिसमें से बेवा महिला सरस्वती बाई कौशिक ने 21-08-2003 में रजिस्टी के मार्फत 6 डिसमिल जमीन खरीदकर रखा था और 6 डिसमिल जमीन उसके रिश्तेदार ने खरीदा है। वर्ष 2006 में सरस्वती बाई ने अपनी जमीन का सीमांकन भी करवाया था। खसरा नंबर 1048 की जमीन से कालोनी वासियों को रोड़ रास्ते के लिए जगह भी दी गई है जिसका उपयोग कालोनी के लोग कर रहे हैं। इसी जमीन के आस-पास गृह निर्माण समिति ने अवैध प्लाटिंग भी की है। तत्कालीन नगर निगम उपायुक्त हिमांशु तिवारी ने खसरा नंबर 1064 में गैर-कानूनी तरीके से मकान भी बनाया है। इसके बाद भी रसूखदारों द्वारा 1048 की जमीन पर हाथ मारना चाह रहे हैं जबकि उक्त जमीन के सीमांकन में कहीं कोई रास्ता नहीं दर्शाया गया है और न मंगला ग्राम के निस्तार पत्र में दर्ज है।
अपना हित साधने के चक्कर में हिमांशु तिवारी ने महिला की जमीन में आम रास्ता बताकर कालोनी में रहने आशीष सिंह सहित कुछ साथियों को लेकर विवाद करते चला आ रहा है। महिला ने बताया कि मेरी जमीन पर फर्जी ले-आउट बनवाकर नाली दर्शाया जाता है मेरे विरुद्ध झूठी शिकायत भी दर्ज करा दी जाती है जबकि उक्त जमीन न तो सार्वजनिक और न ही शासकीय जमीन है। तहसील कार्यालय में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण यह सब हो रहा है। इधर हिमांशु तिवारी का बिलासपुर से तबादला हो चुका है लेकिन अभी भी उसका बिलासपुर से मोह भंग नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि नगर निगम उपायुक्त रहने के दौरान हिमांशु तिवारी ने कर्मचारियों के वेतन में घपला किया था, नगर निगम के पेट्रोल में भी उसने घोटाला किया।
तत्कालीन नगर निगम आयुक्त रानू साहू ने विभागीय कार्यवाही भी की थी। भाजपा शासन काल के दौरान करीब 15 साल से पीडि़त महिला अपना मकान नहीं बना पा रही है। उसकी जमीन पर हो रहे विवाद को जिला प्रशासन द्वारा आज तक नहीं सुझलाया जा सका है। राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने स्पष्ट कहा कि जमीन संबंधी किसी भी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाये। इसके बावजूद राजस्व विभाग के अधिकारी शहर व आस पास के ग्रामों में अधिकांश जमीनों को विवादित बना रहे हैं। सरकारी अत्याचार का यह आलम है कि अपनी ही जमीन में महिला मकान नहीं बना पा रही है और रसूखदार लोग सामने खड़ा होकर मुंह चिढ़ा रहे हैं।