पुलिस की सरपरस्ती में चल रहा सट्टे का कारोबार

बिलासपुर. आज के दौर में भले ही पुलिस प्रशासन धोखाधड़ी रोकने व संगीन अपराधों पर रोकथाम लगाने दावा कर रही है। लेकिन हकीकत तो यह है कि पुलिस की सरपरस्ती में गंभीर से गंभीर वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। इन दिनों शहर में सट्टे के कारोबार की जमकर चर्चा हो रही है। सट्टा किंग के इशारे पर पुलिस के आला अधिकारी काम कर रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष कानून व्यवस्था बुरी तरह से बिखर चुकी है, लोगों का विश्वास पुलिस प्रशासन से उठ चुका है।
कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत कश्यप कालोनी में रहने वाले सट्टा किंग का जलवा इतना है कि पुलिस कर्मचारी उन्हें सलाम करते-करते नहीं थक रहे हैं। आलम यह है कि सट्टा किंग के हिसाब से अब थानेदार अपना काम करते हैं, सट्टे के कारोबार में हाथ डालने वाले पुलिस अधिकारी का तबादला आसानी से हो जा रहा है। शहर में सट्टे का मकडज़ाल फैलाने वाले सट्टा किंग कई वर्षों से सक्रिय है। कोरोनाकाल में एक ओर जहां लोग रोजी-रोजगार के लिए भटक रहे हैं तो वही दूसरी ओर सामाजिक बुराई जुआ सट्टा, गांजे के धंधे को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोग कर्ज तले दबकर मौत को तक गले लगा रहे हैं।
इस कारोबार में 100 से अधिक लोग काम कर रहे हैं। आम जनमानस के बीच खुलेआम संचालित हो रहे सट्टे के कारोबार पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं रह गया है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पुलिस कर्मचारी ने बताया कि सट्टा किंग की सेटिंग पीएचक्यू तक है इस लिए थानेदार भी कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। उसका हौसला इतना बुलंद है कि वह थानेदार को भी खरी-खोटी सुना देता है। छोटे पुलिस कर्मचारियों से तो वह सीधे मुंह बात भी नहीं करता। रेलवे क्षेत्र से लेकर अरपापार में खुलेआम सट्टा किंग के कर्मचारी सट्टा-पट्टी लिखते हैं। बंबई-कल्याण के नाम से जारी होने वाले सट्टा नंबर पर रोजाना लाखों रुपए एकत्र किए जाते हैं। मोबाइल के माध्यम से भी सटोरिये अपना नंबर लिखवा रहे हैं। पुराना बस स्टैंड, बृहस्पति बाजार, बुधवारी बाजार, मुंगेलीनाका, नूतन चौक सहित पूरे शहर में लोग सट्टे मे रोजाना लाखों रुपए गंवा रहे हैं।