निजी अस्पतालों ने नोटिस का जवाब दे दिया, शिकायत पर होगी कार्रवाई : डॉ. प्रमोद महाजन

बिलासपुर. कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने वाले मरीजों पर निजी अस्पताल के दलालों की पैनी नजर है। मरीजों को अपने जाल में फांस कर उपचार के नाम पर वसूली का खेल खेला जा रहा है। जिलेे में स्वास्थ्य महकमा द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की खोजबीन की जा रही है ताकि यह बीमारी कम हो सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना सूची बनाकर उपचार किया जा रहा है। इधर निजी अस्पतालों में भी कारोना संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है जहां अनाप-शनाप बिल बनाये जाने की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना छापामारी भी की जा रही है। संकट के इस दौर में भी निजी अस्पताल के प्रबंधन में बैठे लोग उपचार के नाम पर लूट-खसोट करनेे से बाज नहीं आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना शाम को बुलेटिन जारी किया जाता है। इसमें कोरोना संक्रमित लोगों की सूचना और मरने वालों की संपूर्ण जानकारी होती है। निजी अस्पतालों के लिए दलाली करने वाले लोग अब सीधे मरीज से बात कर उसे उचित उपचार दिलाने कम खर्च करने का झांसा देते हैं। मरीज जब अस्पताल में दाखिल होता है उसके बाद एक लाख रुपए तक का बिल उन्हें थमा दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करने का मन भी बना लिया है। शिकायत मिलने पर अस्पताल को सील तक कर दिया जा रहा है। मनमानी रोकने स्वास्थ्य विभाग ने उपचार संबंधी जानकारी देने निजी अस्पतालों को नोटिस तक जारी कर दिया है।
जिले में लगातार कोरोना पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है। रोजाना लोगों की जान भी जा रही है। जिला प्रशासन के आला अधिकारी इस महामारी को रोकने हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी स्वास्थ्य विभाग में फेरबदल भी किया है ताकि मरीजों का बेहतर उपचार किया जा सके। इसके बाद भी निजी अस्पताल के संचालक लूट-खसोट करने में जुटे हुए हैं। मालूम हो कि सिम्स और जिला चिकित्सालय में निजी अस्पताल संचालकों की सेटिंग शुरू से चल रही है। राज्य सरकार ने कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निजी अस्पतालों में भी मरीजों के इलाज करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इस महामारी में भी शहर के कई निजी अस्पतालों के द्वारा कोरोना मरीजों से इलाज कराने के नाम पर लाखों रूपए के बिल बनाये गये। जहां आये दिन कोरोना मरीजों के इलाज के खर्च में लाखों रूपए की बिल परिजनों को थमा दिये जा रहे थे। जिसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डा प्रमोद महाजन को इसकी शिकायत मिल रही थी। जिस पर उन्होने शहर के निजी अस्पतालों को एक पत्र जारी कर मरीजों के इलाज में खर्च हुए दवाइंयों और इंजेक् शन सहित अन्य खर्च का ब्यौरा मांगा था।
शिकायत पर होगी कार्रवाई
निजी अस्पतालों को आक्सीजन व उपचार संबंधित जानकारी के लिए नोटिस जारी किया गया था। जिसका जवाब मिल चुका है,अगर शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जायेगी।
– डॉ. प्रमोद महाजन