मरवाही उपचुनाव: कांग्रेसी नेताओं को झोंकनी होगी ताकत
जोगी परिवार को आड़े हाथों लेकर एक दूसरे पर आरोप मढऩे में माहिर कांग्रेसी नेताओं का रास्ता हुआ साफ
बिलासपुर। मरवाही उपचुनाव में जीत दर्ज करने कांग्रेसियों का रास्ता लगभग साफ हो गया है। जोगी के गढ़ मरवाही में अमित व ऋचा जोगी का नामांकन रद्द कर दिया गया है। कांग्रेसी नेता जोगी परिवार को आड़े हाथों लेकर एक दूसरे पर आरोप मढ़ते वह भी अब खत्म हो चुका है। वर्चस्व की लड़ाई में अब कांग्रेस का भाजपा का सीधा मुकाबला मरवाही में होगा। चुनाव मैदान से जोगी परिवार के बाहर होने से भाजपा के भी कान खड़े हो गए हैं। भाजपा नेता अब कमर कसकर चुनाव मैदान में डट जाएंगे। इस उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। ऐसा माना जा रहा है कि यहां अभी भी कांटे की टक्कर है। किंतु दबे स्वर में इस बात पर भी बल दिया जा रहा है कि किसी को हटाके कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता।
राज्य निर्माण के बाद लगातार जोगी परिवार का मरवाही विधानसभा क्षेत्र में कब्जा रहा। यहां कांग्रेस पार्टी से दो बार अजीत जोगी चुनाव जीतकर आये इसके बाद अमित जोगी एक बार कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गए। वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस पार्टी से अलग होकर स्व. अजित जोगी ने अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस पार्टी से मरवाही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि मरवाही जोगी परिवार का गढ़ है। 3 नवंबर को होने वाले मरवाही विधानसभा उपचुनाव में जोगी परिवार के दखल होने से कांग्रेस और भाजपा नेता सकते में थे, किंतु जाति प्रमाण पत्र मामले में अमित व ऋचा जोगी का नामांकन रद्द हो गया है। भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टी के लिए अब रास्ता आसान हो गया है। जीत दर्ज करने एक ओर जहां कांग्रेसी नेता भाजपा नेताओं को अपने पक्ष करने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता भी मरवाही उपचुनाव में पूरी ताकत के डटे हुए हैं।
राजनीति दृष्टि से अगर देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस के लिए दोनों के लिए यह फायदे की बात है कि मरवाही उपचुनाव में जोगी परिवार मैदान से बाहर है। भाजपा शासन काल में गलत जाति प्रमाण पत्र के सहारे जोगी परिवार मरवाही से चुनाव जीत कर आते थे और जाति प्रमाण पत्र का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता था। स्व. अजित जोगी के निधन के बाद अलग-थलग हो चुके अमित जोगी अपने जाति प्रमाण पत्र मामले में पूरी तरह से घिर चुके हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल फर्जी आदिवासी का मामला एक बार फिर से उछाला गया और छानबिन समिति ने मरवाही उपुचनाव की तारीख तय होने के बाद अपना फैसला सुना दिया है। नामांकन रद्द होने के बाद अमित जोगी सुप्रीम कोर्ट जाकर चुनाव पर रोक लगवाने पर जोर भले ही दे रहे हैं, लेकिन छानबिन समिति का फैसला आने के बाद मरवाही में कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा ऐसा माना जा रहा है।