झोलाछाप डॉक्टरों की प्रैक्टिस रोकने हाई कोर्ट ने शासन को जवाब प्रस्तुत करने दिया आदेश

सक्ती निवासी भगत राम शर्मा ने अली असग़र अधिवक्ता के द्वारा छतीसगढ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें उनके द्वारा यह बताया गया कि सक्ती में BAMS डॉ, के द्वारा स्पर्श हॉस्पिटल की स्थापना कि गई है एवं उसमें सभी तरह के allopathy उपचार इत्यादि किया जा रहा है. अली असग़र द्वारा कोर्ट मैं ये बताया के उक्त कृत्य सुपीम कोर्ट एवं छतीसगढ उच्च न्यायालय के आदेश एवं विभिन्न कानूनों के विपरीत है और हॉस्पिटल द्वारा छतीसगढ नर्सिंग होम अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है. पूर्व में भी छतीसगढ उच्च न्यायालय द्वारा झोला छाप डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई करने सम्बन्धी आदेश पारित किये हैं, लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं राज्य शासन द्वारा शिकायत किये जाने पर भी उक्त हाॅसिपटल एवं राज्य में बढती झोला छाप डॉक्टर की प्रैक्टिस को रोकने के सम्बन्ध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. छतीसगढ उच्च न्यायालय ने 28/10/2020 को WPPIL में सुनवाई करते हुए ( जस्टिस पंशात मिश्रा एवं गौतम चोरडिया ) ने शासन को जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.