शीतलहर से बचाव के संबंध में दिशा-निर्देश

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बिलासपुर. राज्य शासन द्वारा शीतलहर उत्पन्न होने की स्थिति में इससे बचाव एवं उपायों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं मौसम विज्ञान केन्द्र के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार प्रदेश में सामान्यतः माह दिसंबर एवं जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता और कभी-कभी शीतलहर का रूप ले लेती है। इससे निःसहाय, आवासहीन, गरीब, वृद्ध एवं स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इससे बचाव के लिये राज्य शासन द्वारा भी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

शीतलहर से बचाव के लिये जितना संभव हो घर के अंदर रहें, अति आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकलें। मौसम से संबंधित समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारों को ध्यान से सुने। वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखे तथा उन्हें अकेला न छोड़ें। यह भी सुनिश्चित करें कि पावर सप्लाई आपातकाल में भी रहे। ऐसे आवास का उपयोग करें जहां तापमान सही रहता हो, आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहे। बिजली का प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में फ्रीज में खाने के सामान को 48 घंटे से अधिक न रखें। शीतलहर से बचाव हेतु टोपी या मफलर का भी उपयोग किया जा सकता है अथवा सिर व कान को ढंककर रखें। यदि केरोसिन व कोल की हीटर का उपयोग करते हैं तो गैस व धुएं निकलने वाले रोशनदार की व्यवस्था रखें। स्वास्थ्यवर्धक खाने का उपयोग करें। यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे जैसे नाक, कान, पैर, हाथ की उंगलियां आदि लाल हो, तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। असामान्य तापमान की स्थिति, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो, तो ऐसी स्थिति में तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें।

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