सीपत के जंगलों में खुलेआम चल रहा है अवैध शराब का गोरख धंधा
बिलासपुर. सीपत क्षेत्र के गांवों में खुलेआम कच्ची शराब बनाने का गोरख धंधा वर्षों से चला आ रहा है। पुलिस और सरपंचों की मिली भगत से अवैध शराब के रैकेट को बेखौफ होकर संचालित किया जा रहा है। आबकारी विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते। थानेदार की निगरानी में यह सब हो रहा है हफ्ता वसूली के माध्यम से कोचियों से पैसे लिये जा रहे हैं जो लोग शराब का धंधा बंद करने की बात कहते हैं तो थाने से उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी-चमकी तक दी जा रही है।
जिले में अवैध शराब के कारोबार का रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। बीहड़ जंगली क्षेत्रों में अवैध शराब बनाने का कारोबार आदिवासी लोग करते हैं जहां पुलिस भी नहीं पहुंच पाती, लेकिन जिन क्षेत्रों में पुलिस दबिश दे सकती है उन क्षेत्रों में बिचौलियों को सेट कर एक बड़ा रैकेट का संचालन किया जा रहा है जो कानून व्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
सोठी के ग्रामीणों ने बताया कि गांव का सरपंच सीपत थानेदार से मिलीभगत कर महुआ शराब बनाने वालों से हफ्ता वसूली का काम कर रहा है। शराब बनाने से मना करने वाले ग्रामीणों को सीपत थानेदार द्वारा झूठे मामले में फंसा देने की धमकी-चमकी दी जा रही है, न चाहकर भी ग्रामीण सरपंच के कहने पर शराब बनाने के लिए मजबूर है। सोठी गांव का सरपंच अपने आप को मस्तूरी विधायक का करीबी भी बताता है। हर हफ्ते वह राशि एकत्र कर थानेदार को पहुंचा देता है।
इसके अलावा आस पास के गांवों में शराब बनाने वाले कोचियों की पूरी जानकारी सरपंच थानेदार तक पहुंचाकर रिश्वत का राशि फिक्स कराने का काम भी करता है। सोठी क्षेत्र के खोंदरा में रोजाना लाखों रुपए का जुआ खिलाया जाता है पुलिस से सेटिंग होने के कारण जुआरी बेखौफ होकर यहां रोजाना मजमा लगाते हैं। अवैध शराब की बिक्री और आसामाजिक लोगों के कारण गांवों का माहौल खराब हो रहा है। भोलेभाले ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है। आबकारी विभाग के आला अधिकारी भी गांवों में शराब बनाने वालों तक नहीं पहुंच पाते वहीं सीपत पुलिस द्वारा ग्रामीणों को अवैध शराब बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। न चाहते हुए भी भोलेभाले ग्रामीण अवैध शराब का धंधा कर पुलिस तक हिस्सा पहुंचाने सोठी सरपंच की मदद करने के लिए मजबूर है।