केन्द्र सरकार जोन आंदोलन से सबक ले और जल्द ही महानगरों तक हवाई सुविधा दे


बिलासपुर. हवाई जन संघर्ष समिति का अखण्ड धरना आज 232वें दिन भी जारी रहा और आज रेल्वे जोन के ऐतिहासिक जन आंदोलन की 25वी वर्षगांठ धरना स्थल पर मनाई गई। गौरतलब है कि राघवेन्द्र राव सभा भवन से ही 15 जनवरी 1996 को रेल्वे जोन के लिए ऐतिहासिक जन आंदोलन किया गया था। इसी स्थल पर 17 सितम्बर 1996 से लगातार 183 दिन क्रमिक भूख हड़ताल भी रेल्वे जोन के लिए की गई थी।

आज की सभा में वक्ताओं ने 1996 को याद करते हुए कहा कि बिलासपुर वैसे तो शांत शहर है परन्तु अन्याय की सीमा पार करने पर यहां के लोग आत्मदाह की तर्ज पर उग्र आंदोलन करते है और उसका ही परिणाम था कि रेल्वे जोन आंदोलन में 100 करोड़ रूपये से अधिक की सम्पत्ति स्वाहा हो गई थी। अतः केन्द्र सरकार को ऐसी कोई परिस्थिति नहीं बननी देनी चाहिए और समय रहते महानगरों तक हवाई सुविधा मंजूर करनी चाहिए।

आज की युवा लोगों को भले ही याद न हो परन्तु अधिकांश नागरिक यह जानते है कि सर्वाधिक आय वाली रेल डिवीजन होने के कारण दसवे रेल जोन का स्वभाविक हक बिलासपुर का था परन्तु उस वक्त षड़यंत्र के तहत जोन बनने के पहले ही रेल मण्डल का विभाजन कर दिया गया था और दाधापारा के आगे पूरा हिस्सा नव घोषित रायपुर रेल मण्डल में देने का ऐलान कर दिया गया था।

इस स्तर पर पिछले करीब 10 साल से जारी अहिंसात्मक रेल्वे जोन आंदोलन एकदम से उग्र हो गया था और बिलासपुर सांसद से इस्तीफा लिखवाकर 13 जनवरी 1996 को रेल्वे स्टेशन पर अचानक प्रदर्शन चालू कर दिया गया था। इसी आक्रोश की परिणीति 15 जनवरी 1996 को हुई जब सुबह 8ः00 बजे से हजारो की संख्या प्रदर्शनकारी स्वस्फूर्त होकर आंदोलन में भाग लेने पहुंचे। 4 घंटे चली उग्र कार्यवाही में रेल्वे को भारी नुकसान उठाना पड़ा और बिलासपुर स्टेशन पर यातायात पूरी तरह अवरूद्ध हो गया जो कि कई दिनों बाद सामान्य हुआ। 12ः00 बजे रेल्वे बोर्ड द्वारा मण्डल विभाजन की अधिसूचना वापस लेने पर लोग शांत हुए।

आज के हवाई सुविधा अखण्ड धरने में सर्वश्री अशोक भण्डारी, समीर अहमद, सालिकराम पाण्डेय नरेश यादव, चित्रकांत श्रीवास, विभूतिभूषण गौतम, महेश दुबे, बद्री यादव, संजय पिल्ले, मनोज श्रीवास, केशव गोरख, पप्पू तिवारी, नवीन वर्मा, अकिल अली, सुशांत शुक्ला, संतोष पीपलवा और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

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