Dubai: अगले साल तैयार हो जाएगा 25 हजार वर्गफीट में बन रहा Hindu Temple, प्रधानमंत्री Modi ने रखी थी नींव
दुबई. दुबई (Dubai) में बनाया जा रहा भव्य हिंदू मंदिर (Hindu Temple) अगले साल दिवाली तक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. मंदिर परिसर करीब 75 हजार वर्गफीट का है और मुख्य मंदिर 25 हजार वर्गफीट में होगा. इस मंदिर में 11 देवी-देवताओं का निवास होगा. मंदिर के निर्माण पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यह मंदिर जेबेल अली (Jebel Ali) इलाके में गुरु नानक दरबार (Guru Nanak Darbar) के पास बन रहा है.
तीन धार्मिक स्थल एक साथ
यह हिंदू मंदिर (Hindu Temple) बुर्ज दुबई (Dubai) के सउक बनियास में सिंधी गुरु दरबार मंदिर का विस्तार है, जो यूएई में सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है. सिंधी गुरु दरबार मंदिर (Sindhi Guru Darbar Temple) के न्यासी राजू श्रॉफ (Raju Shroff) ने बताया कि 2022 में दिवाली के मौके पर मंदिर खोलने की तैयारी की जा रही है. इस मंदिर के बनने के बाद चर्च, गुरुद्वारा और मंदिर एक ही स्थान पर हो जाएंगे. यानी तीन धर्मों के लोग एक साथ यहां पूजा अर्चना कर सकेंगे.
परंपरा का रखा गया है ध्यान
राजू श्रॉफ ने बताया कि यह मंदिर यूएई के शासकों की उदारता की गवाही देता है. खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस मंदिर में 11 देवी-देवताओं को स्थापित किया जाएगा. यह मंदिर भारत के सभी हिस्सों से संबंधित हिंदू समुदायों की धार्मिक मान्यताओं को पूरा करेगा. इसका निर्माण भारत की पारंपरिक मंदिर वास्तुकला के तहत किया जा रहा है. श्रॉफ ने कहा कि मंदिर की वास्तुकला को एक अलग रूप दिया गया है. भारत की पारंपरिक मंदिर वास्तुकला के अनुसार इस मंदिर के निर्माण में इस्पात या इससे बनी सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. मंदिर की नींव को मजबूती देने के लिए फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया जा रहा. बता दें कि फ्लाई ऐश का इस्तेमाल नींव में कंक्रीट को मजबूत करने के लिए किया जाता है.
2019 में रखी गई थी नींव
इस मंदिर की नींव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा रखी गई थी. जानकारों का मानना है कि इस मंदिर के निर्माण की वजह से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा और रिश्ते मजबूत होंगे. बता दें कि यूएई में करीब 30 लाख भारतीय रहते हैं. मंदिर का निर्माण स्वामिनारायण संस्थान की देखरेख में भारतीय शिल्पकार कर रहे हैं. मंदिर निर्माण में लगे कारीगर 5000 टन इटालियन मार्बल से नक्काशीदार चिह्न और मूर्तियां बना रहे हैं. वहीं, मंदिर का बाहरी हिस्सा 12,250 टन गुलाबी बलुआ पत्थर से बना होगा.
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