खुद को जानना ही सच्चा धर्म है


बिलासपुर. आमतौर पर लोग धर्म के अर्थ को लेकर दिग्भ्रमित है वे धर्म शब्द को एक खास चश्मे से वशीभूत होकर देखते हैं धर्म का अर्थ कोई विशिष्ट परंपरा सम्प्रदाय या दर्शनशास्त्र से नहीं है धर्म सत्य है और असत्य भय है सत्य की इच्छा होती हैं कि सभी उसे जान लें और असत्य को हमेशा भय रहता है कि कोई उसे पहचान न लें।


यदि फ़ूल कागज के हो तो मानकर चले उस पर बैठी तितलियां पत्थर की होगी। ऐसे दृश्य मे रस दिखाई देता है पर रहता नहीं है। खूबसूरती बनावटी होगी तो नज़रें भी बनावटी ही होंगी पर इससे देश समाज का भला नहीं होगा। उक्त विचार पंडित विजय शंकर मेहता ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव के निवास स्थान पर परिवारिक चर्चा में व्यक्त की।


अटल श्रीवास्तव के निवेदन पर पंडित विजय शंकर मेहता सुबह 11:00 बजे उनके निवास स्थान पहुंचकर परिजनों एवं उनके इष्ट मित्रों को आशीर्वाद प्रदान किया। धार्मिक सामाजिक राजनीतिक विषयों पर गंभीर चर्चा की। इस अवसर पर मनोज भण्डारी, अजय श्रीवास्तव, अशोक भण्डारी, महेश दुबे, सीमा पान्डे, नीलेश मढेवार, शैलेश शुक्ला, धर्मेश शर्मा जैन, केशव बाजपेयी, मनीष श्रीवास्तव, अनील गुलहरे, पार्षद अजय यादव सहित परिजन उपस्थित थे।

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