वनस्पति में मिलावट करने वाली कम्पनी के आरोपी भागीदार को 06 माह का कारावास

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सागर. न्यायालय कर्नल सिंह श्याम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सागर के न्यायालय ने आरोपी नेमीचंद पिता कन्हैयालाल अग्रवाल को धारा 16(1)(क)(आई) एवं 16(1सी) खाद्य अपमिश्रण अधिनियम में दोषी पाते हुए 06-06 माह का साधारण कारावास एवं 1500-1500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। राज्य शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता ने शासन का पक्ष रखा। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए अभियोजन मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनांक 19.09.2007 को दोपहर करीब 12ः15 बजे खाद्य निरीक्षक द्वारा नमकमंडी कटरा बाजार, सागर स्थित एस.आर ट्रेडर्स पर निरीक्षण हेतु उपस्थित हुए। निरीक्षक अधिकारी द्वारा दुकान का निरीक्षण किया गया तो दुकान में घी, तेल, वनस्पति आदि विक्रय हेतु रखे हुए थे, उन्हे गोल्ड वनस्पति में मिलावट होने की शंका हुई उन्होने गोल्ड वनस्पति का नमूना जांच हेतु समक्ष गवाहन पंचनामा बनाकर लिया। एस.आर. ट्रेडर्स के संचालक ने बताया कि उन्होने उक्त वनस्पति के.एस. ऑयल्स लिमिटेड फैक्ट्री मुरैना से क्रय किये है और सामान की रसीद एवं बिल संलग्न किये गये। उक्त नमूना को राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगषाला भोपाल भेजा गया। जिसमें उक्त नमूना मानक स्तर का न होकर अपमिश्रित पाया गया। जिसमें के.एस. ऑयल्स लिमिटेड फैक्ट्री इंडस्ट्रीयल एरिया, ए.बी. रोड मुरैना म.प्र. के प्रोपराईटर/भागीदार अभियुक्त नेमीचंद अग्रवाल एवं एक अन्य व्यक्ति के विरूद्ध खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम की धारा 16(1)(क)(आई) एवं 16(1सी) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान के.एस. आयल लिमिटेड मुरैना ने वनस्पति के सेम्पल के दूसरे भाग की जांच केन्द्रीय खाद्य प्रयोगषाला में करवायी जहां पर भी उक्त नमूना अपमिश्रित पाया गया। अभियोजन ने मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित कराया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी नेमीचंद पिता कन्हैयालाल अग्रवाल को धारा 16(1)(क)(आई) एवं 16(1सी) खाद्य अपमिश्रण अधिनियम में दोषी पाते हुए 06-06 माह का साधारण कारावास एवं 1500-1500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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