भारत की दो अलग टीमें देंगी अब दुनिया को चुनौती? Virat Kohli और Ravi Shastri ने दिया ये जवाब


नई दिल्ली. टीम इंडिया (Team India) मौजूदा समय में पूरी दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम बनके सामने आई है. विराट कोहली (Virat Kohli) की टीम ने पिछले कई सालों से पूरी दुनिया को अपना लोहा मनवाया है. मुख्य खिलाड़ियों के अलावा भारत की बेंच स्ट्रेंथ भी काफी मजबूत है. ऐसे में लगातार ये सवाल पूछे जाते हैं कि क्या अब भारत को दो अलग-अलग दौरों पर अपनी टीम भेजनी चाहिए.

कोहली ने कही ये बात

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने अलग-अलग दौरों के लिए अलग टीम भेजने के विचार का समर्थन किया है. कोहली (Virat Kohli) ने कहा, ‘जिस तरह से हम खेल रहे हैं, खिलाड़ियों के लिए लंबे समय तक खुद को प्रेरित रखना और सही मानसिकता में रहना कठिन है. भविष्य में यह अहम भूमिका निभाएगा जहां वर्कलोड और मानसिक स्वास्थ्य पिक्चर में रहेगी. आप ग्राउंड पर जा रहे हैं और फिर सीधे कमरे में, इससे आपको खेल से हटने का मौका नहीं मिलता है और आप कहीं बाहर नहीं जा पाते हैं जिससे तरोताजा हो सकें.’

उन्होंने कहा, ‘लगातार व्यस्त रहना एक बड़ा फैक्टर है जिसे नाकारा नहीं जा सकता है क्योंकि जितनी मेहनत यह टीम कर रही है, आप नहीं चाहेंगे कि खिलाड़ी मानसिक दबाव के कारण ढीले पड़ें.’

दो टीम बनाने का बन रहा प्लान

एक तरफ जहां भारतीय टेस्ट टीम इंग्लैंड में व्यस्त रहेगी, वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस साल जुलाई में श्रीलंका दौरे पर सीमित ओवरों की टीम भेजने की योजना बना रही है. इस सीरीज की विस्तृत जानकारी पर काम चल रहा है लेकिन ऐसा समझा जाता है कि जो खिलाड़ी इस सीरीज के लिए जाएंगे उनमें से कुछ टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जिनमें शिखर धवन, पृथ्वी शॉ और हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी शामिल हैं.

कोच का भी समर्थन

टीम के कोच शास्त्री (Ravi Shastri) ने भी अलग टीमों के विचार का समर्थन किया है. शास्त्री ने कहा, ‘इस समय ऐसा हो रहा है क्योंकि मौजूदा स्थिति में यात्रा पर प्रतिबंध है और चीजें सीमित हैं. लेकिन भविष्य में अगर आप खेल को बढ़ाना चाहते हैं, विशेषकर सीमित प्रारूप को तो इस रास्ते जाना ही होगा.’

उन्होंने कहा, ‘जब आपके पास ऐसे क्रिकेटर हैं और आप टी20 खेल को विश्व में फैलाना चाहते हैं तो आपके पास यही तरीका बचता है. अगर आप ओलंपिक को चार या आठ साल में कराने पर चर्चा करते हैं तो आपको ज्यादा देशों को इसमें शामिल करना होगा.’

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