लक्ष्‍य प्राप्ति का यत्‍न है योग : कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

वर्धा. महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में सातवें अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि लक्ष्‍य प्राप्ति का यत्‍न है योग। उन्‍होंने कहा कि मन, शरीर और आत्‍मा का एकाग्र होना आवश्‍यक है। देह से मन और आत्‍मा को साधा जा सकता है। योग के महत्‍व को रेखांकित करते हुए कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने कहा कि चिकित्‍सा विज्ञान भी योग के महत्‍व को मान रहा है। भारत में योग का विकास विशिष्‍ट पद्धति से हुआ है। योग स्‍वस्‍थ रहने के लिए प्रभावी उपकरण है। हमारी सभी उपासना पंथों में योग की पद्धतियां भले ही अलग-अलग हैं परंतु इसका लक्ष्‍य समान है और योग के तरीके व्‍यवहार्य तथा प्रयोज्‍य हैं। उन्‍होंने कहा कि जीवन में योग का निरंतर अभ्‍यास करना चाहिए। योग दुनिया के लिए आवश्‍यक हैं।

सातवें योग दिवस का आयोजन पूर्वाह्न 7.30 बजे से डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी भवन के सभागार में किया गया। इस अवसर पर हनुमान व्‍यायाम प्रसारक मंडल, अमरावती के परीक्षा नियंत्रक तथा वरिष्‍ठ योग प्रशिक्षक डॉ. सूर्यकांत पाटिल के नेतृत्‍व में योग प्रशिक्षक आदित्‍य पूंड, हर्ष गोयनका, अनुजा गडकर, प्रियंका वानखेडे ने विभिन्‍न प्रकार के योग, प्राणायम, ध्‍यान, संकल्‍प एवं शांति पाठ किया। कोरोना के प्रोटोकाल का पालन करते हुए योग दिवस का कार्यक्रम ऑनलाइन तथा ऑफलाइन आयोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्‍या में विश्‍वविद्यालय परिवार के सदस्‍यों तथा विद्या‍र्थियों ने ऑनलाइन माध्‍यम से घर पर रहकर योग किया।

योग दिवस का प्रारंभ  डॉ. जगदीश नारायण तिवारी द्वारा मंगलाचरण की प्रस्‍तुति से किया गया। स्‍वागत वक्‍तव्‍य संस्‍कृति विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी ने दिया। कार्यक्रम के संयोजक शिक्षा विद्यापीठ के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिकेत आंबेकर थे। सत्र संचालन शिक्षा विद्यापीठ की सहायक प्रोफेसर डॉ. सीमा बर्गट ने किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, प्रो. कृपाशंकर चौबे, डॉ. गोपाल कृष्‍ण ठाकुर, डॉ. जयंत उपाध्‍याय सहित अधिकारी एवं कर्मचारी प्रमुखता से उपस्थित थे। योग दिवस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण विश्‍वविद्यालय के यूट्यूब एवं फेसबूक पर किया गया।

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