छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दो बार दरें कम हुई, एक बार बढ़ी है
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दो बार दरे कम हुयी और सिर्फ एक बार बढ़ी है। कम होने वाली दरे और ज्यादा होने वाली दरों को देखे तो 3 साल में कुल बिजली दर में वृद्धि 3.3 प्रतिशत है। अर्थात प्रतिवर्ष 1.1 प्रतिशत। इसे रमन सिंह सरकार के कार्यकाल के संदर्भ में देखे तो रमन सिंह सरकार तो लगातार बिजली महंगी करती थी। 2004-05 बिजली 3 रू 27 पैसे प्रति यूनिट थी। जिसे 2018 19 में 6 रू. 20 पैसे किया रमन सिंह सरकार ने। 90 प्रतिशत की वृद्धि हुयी। 15 वर्ष में 9 बार बिजली दर बढ़ायी गयी। औसत वृद्धि रमन सिंह सरकार में हर वर्ष 6 प्रतिशत होती थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यूनतम वृद्धि की है और ये भी वृद्धि केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमते मंहगी करने और परिवहन लागत बढ़ने के कारण हुयी है। 27 महिने में छत्तीसगढ़ सरकार ने 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ रूपये की छूट बिजली बिल हाफ कर के दी है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में अभी दरे 6 प्रतिशत बढ़ायी गयी। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की बिजली की दरे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से कम है। छत्तीसगढ़ सरकार बिजली बिल हाफयोजना जारी रखेगी अर्थात उपभोक्ताओं को दरो में छूट मिल रही है वो यथावत रहेगी। 27 महिनों में लगभग 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ की राहत बिजली बिल हाफ कर के छत्तीसगढ़ सरकार ने की है। बिजली के दरों में हुयी 6 प्रतिशत की वृद्धि पर भी बिजली बिल हाफ की योजना लागू होगा जिसका लाभ जनता को मिलेगा। भाजपा की सरकार 90 प्रतिशत बिजली बढ़ायी 15 साल में और औसत हर साल प्रतिशत बिजली बढ़ाती थी उस भाजपा के लोग किस मुंह से छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना करते है।
बिजली की दरों के संबंधो में प्रमुख बिन्दु
1- छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा वर्ष 2021-22 के लिये विद्युत दरों की घोषणा आज कर दी है। नई दरें दिनांक 01.08.21 से लागू की गई है।
2- औसत आपूर्ति दर 5.93 रू. प्रति यूनिट से बढ़कर 6.41 रू प्रति यूनिट हो गई है। इस प्रकार लगभग 8 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिये लगभग 6 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है।
3- औसतन 8 प्रतिशत की औसत आपूर्ति दर में वृद्धि के बावजुद भी छत्तीसगढ़ राज्य की यूनिट औसत आपूर्ति दर अन्य राज्यों की तुलना में कम है। तुलनात्मक स्थिति की विवरण नीचे तालिका में दर्शाया गया है :-
औसत पूर्ति दर ( ACoS ) : वर्ष 2021-22
स. क्र. | राज्य | औसत आपूति दर (रूपये प्रति यूनिट) |
01 | छत्तीसगढ़ | 6.41 |
02 | मध्यप्रदेश | 6.52 |
03 | महाराष्ट्र | 7.48 |
04 | गुजरात | 6.75 |
05 | दिल्ली | 6.78 |
06 | बिहार | 7.35 |
07 | उड़ीसा | 7.44 |
08 | उत्तर प्रदेश | 7.05 |
09 | पंजाब | 6.42 |
वर्ष 2004-05 में वर्ष 2021-22 की अवधि में छत्तीसगढ़ राज्य में वर्षवार औसत आपूर्ति दर (।ब्वै) की तुलनात्मक स्थिति
1. वर्ष 20204-05 में औसत आपूर्ति दर 3.27 प्रति यूनिट से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 6.20 हुई जो कि लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि है। 15 वर्षो की कुल अवधि में 9 बार विद्युत आपूर्ति दर में वृद्धि की गई है जिसका प्रतिवर्ष औसत 6.4 प्रतिशत रहा है।
2. वर्ष 2019-20 से 3 बार विद्युत दर निर्धारित किया गया है जिस अंतर्गत 2 बार कमी एवं 1 बार वृद्धि की गई है। कुल वृद्धि 3.3 प्रतिशत की रही है जिसका प्रतिवर्ष औसत केवल 1.1 प्रतिशत है।
घरेलू बिजली की प्रचलित दरें : वर्ष 2021-22
स. क्र. | राज्य | टैरिफ (रूपये प्रति यूनिट) |
01 | छत्तीसगढ़ | 0 से 100 यूनिट : 3.60
101-200 यूनिट : 3.80 201 से 400 यूनिट : 5.20 |
02 | मध्यप्रदेश | 0 से 50 यूनिट : 4.13
51से 150 यूनिट : 5.05 151 से 300 यूनिट : 6.45 |
03 | महाराष्ट्र | 0 से 100 यूनिट : 3.46
101 से 300 यूनिट : 7.43 301 से 500 यूनिट : 10.32 |
04 | गुजरात | 0 से 50 यूनिट : 3.05
51-100 यूनिट : 3.50 101-250 यूनिट : 4.15 |
05 | दिल्ली | 0 से 200 यूनिट : 3.00
201-400 यूनिट : 4.50 |
06 | बिहार | 0 से 50 यूनिट : 6.05
51-100 यूनिट : 6.30 101 से 200 यूनिट : 6.60 |
07 | उत्तर प्रदेश | 0 से 150 यूनिट : 5.50
151-300 यूनिट : 6.00 301 से 500 यूनिट : 6.50 |
1. अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ की दर कम है।
2. उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल योजना के तहत उपरोक्त दरों में 50 प्रतिशत की छूट दिया जा रहा है जो इस वर्ष भी लागू हैं इससे प्रदेश के 38 लाख उपभोक्ताओं को 950 करोड़ से अधिक राशि की सब्सिडी दी जा रही है।
कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत लाभान्वित कृषि पंपो पर अतिरिक्त भुगतान का भार नहीं
1. राज्य के 5 लाख से अधिक कृषि पंपों को, 5 हार्स पावर की क्षमता तक 7500 यूनिट एवं 3 हार्स पावर की क्षमता तक 6000 यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना अंतर्गत अतिरिक्त खपत के लिये 100 रू. प्रति एचपी प्रतिमाह के मान से फ्लैट रेट पर भुगतान का प्रावधान भी है। अतः वर्तमान टैरिफ निर्धारण उपरांत योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे कृषि पंपों पर कोई अतिरिक्त भुगतान नही करना होगा।
2. राज्य शासन द्वारा बिजली बिल में प्रतिवर्ष 2300 करोड़ से अधिक की सब्सिडी दी जा रही है।