भारत ने फिर बढ़ाए मदद के हाथ, अब इन देशों को भेजी जाएगी कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली. टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कम और मध्यम आय वाले देशों को कोविशील्ड टीके का एक्सपोर्ट फिर शुरू कर दिया है. कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पुणे प्लांट से कोविशील्ड की पहली खेप भेजी गई. कंपनी ने अब तक कोविशील्ड की 1.25 अरब खुराकों का उत्पादन किया है.

कंपनी ने बढ़ाए मदद के हाथ

सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, ‘कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशील्ड की पहले खेप को पुणे में SSI प्लांट से कोवैक्स व्यवस्था के तहत कम और मध्यम आय वाले देशों में वितरण के लिए भेजा गया.’ कोवैक्स के तहत अगले वर्ष की पहली तिमाही में कोविशील्ड टीकों की आपूर्ति पर्याप्त रूप से बढ़ने की उम्मीद है.

इसलिए शुरू हुआ फिर से एक्सपोर्ट

एक्सपोर्ट फिर से शुरू करने को लेकर कंपनी ने कहा कि यह निर्णय इस वर्ष के अंत तक कोवशील्ड की 100 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने के लक्ष्य को पूरा करने पर निर्भर था. कंपनी ने पुणे के अपने प्लांट पर उत्पादन क्षमता के तेजी से विस्तार के माध्यम से इस लक्ष्य को समय से पहले ही हासिल कर लिया है.

क्या है कोवैक्स व्यवस्था?

कोवैक्स व्यवस्था के तहत SII द्वारा उत्पादित कोविड-19 रोधी टीकों को कम आय वाले 92 देशों को भेजा जा रहा है. कोवैक्स, ग्लोबल वैक्सीन एलायंस (GAVI), WHO और कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CIPI) की अगुवाई में एक बहुपक्षीय पहल है जिसका उद्देश्य सभी देशों को कोविड रोधी टीके उपलब्ध कराना है.

पूनावाला ने दिया बयान

सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने एक बयान में कहा, ‘एक्सपोर्ट फिर से शुरू होने को लेकर यह एक बहुत बड़ा क्षण है. दुनिया काफी हद तक कम लागत और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों और टीकों पर निर्भर है, जो पारंपरिक रूप से भारत एक्सपोर्ट करता है.’

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