सुबह उठकर रोज करें पर्वतासन का अभ्यास, गायब हो जाएगा पीठ दर्द, कमर की चर्बी भी होगी कम, जानिए जबरदस्त फायदे
काम के लिए कई-कई घंटों तक बैठे रहने की आदत और हमारी लाइफस्टाइल ऐसी बन गयी है कि रीढ़ की हड्डी पर इसका बहुत असर पड़ता है. अगर आप भी पीठ के दर्द से परेशान हैं तो आपको पर्वतासन का अभ्यास करना चाहिए. इस आसन का नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पीठ के निचले हिस्से पर काफी अच्छा प्रभाव डालता है.
क्या है पर्वतासन
पर्वतासन संस्कृत भाषा का शब्द है. ये शब्द मुख्य रूप से 2 शब्दों को मिलाकर बनाया गया है. पहले शब्द पर्वत (Ardha) का अर्थ पहाड़ (Half) होता है, जबकि दूसरे शब्द आसन (Asana) का अर्थ, किसी विशेष परिस्थिति में बैठने, लेटने या खड़े होने की मुद्रा, स्थिति या पोश्चर (Posture Or Pose) से है. इस आसन का अभ्यास बहुत आसान है और यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी है.
पर्वतासन करने का तरीका
- सबसे पहले किसी साफ-सुथरी जगह पर वज्रासन में बैठ जाएं.
- अब धीरे-धीरे दोनों हाथों और पैरों के पंजो को जमीन पर रखें.
- जमीन पर वजन देते हुए अपनी कमर को त्रिकोणीय आकार का बनाएं.
- इस दौरान जितना हो सके कमर को उतना ऊपर की ओर खींचें.
- अब इस स्थिति में आकर लंबी-गहरी श्वास का अभ्यास करें.
पर्वतासन करने के लाभ
- इस आसन के अभ्यास से कंधों को मजबूती मिलती है.
- कमर, कंधे और गर्दन दर्द में इस आसन से राहत मिलती है.
- ये आसन कमर की चर्बी को दूर करने मे लाभदायक होता है.
- इसके नियमित अभ्यास से पैर मजबूत होते हैं.
- इस आसन को निरंतर करने से फेफड़ों को लाभ पहुंचता है.
- खास बाते ये है कि शरीर में रक्त का संचार संतुलित रहता है.
इन बातों का ख्याल रखना जरूरी
- ह्रदय संबंधी समस्या होने पर इस आसन का अभ्यास न करें.
- हाई बीपी वाले लोगों को भी इस आसन से परहेज करना चाहिए.
- कमर, कंधे या घुटनों में दर्द है तो इसके अभ्यास से बचें.
- सबसे बड़ी बात कि योग प्रशिक्षक की अनुमति के बिना इसका अभ्यास न करें.