![](https://chandankesari.com/wp-content/uploads/2021/08/02-4.jpg)
पानी पीना हमारे लिए कितना जरूरी है, सभी जानते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है इसे स्टोर करने का तरीका। आयुर्वेद में हमेशा पीने के पानी को मिट्टी या तांबे के बर्तनों में भरकर रखने की सलाह दी जाती है।
पानी की सबसे अच्छी बात ये है कि भोजन की तरह यह बासी नहीं होता। इसलिए आप पीने, खाना पकाने और हाइजीन के उ्देदश्य से जितना चाहें उतना कम या ज्यादा पानी स्टोर करके रख सकते हैं। हालांकि, आप इसे कैसे स्टोर और उपयोग करते हैं, यह समझना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, खाना खाने के बाद पानी पीना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है इसे स्टोर करने का तरीका। यहां तक की जिस कंटेनर या बर्तन में पानी जमा है, उसका आकार भी बहुत मायने रखता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.रेखा राधामणि ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर एक वीडियो शेयर कर मिट्टी और तांबे के बर्तनों में पानी रखने की सलाह दी है। उनके अनुसार खुद को और अपने परिवार को दूषित पानी के सेवन से बचाने के लिए पानी को स्टोर करने और उपयोग करने का सही तरीका जानना चाहिए। यहां हम आपको पानी को सही तरह से संग्रहित करने के बारे में बता रहे हैं।
पानी स्टोर करने के लिए अच्छे हैं मिट्टी के बर्तन
![](https://static.langimg.com/thumb/msid-85058587,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
पहले के जमाने में लोग पानी को मिट्टी के मटके, सुराही और अन्य तरह के बर्तनों में संग्रहित करके रखा करते थे। आयुर्वेद के अनुसार पानी को हमेशा मिट्टी के बर्तनों में रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि मिट्टी से बने बर्तनों में हवा के लिए जगह होती है, जिससे पानी घंटों तक ताजा और ठंडा बना रहता है। इसका पानी पीने से त्वचा या एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, मिट्टी के बर्तन में रखा पानी शक्ति और जीवन शक्ति में सुधार करने के लिहाज से बहुत अच्छा है।
मिट्टी के बर्तन में पानी का PH लेवल संतुलित रहता है
![-ph- -ph-](https://static.langimg.com/thumb/msid-85058582,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
हम जो भी खाना खाते हैं, उनमें से ज्यादातर शरीर में पहुंचकर एसिडिक हो जाता है और टॉक्सिन्स पैदा करता है। चूंकि मिट्टी या क्ले प्रकृ ति में अल्कालीन है, जो एसिडिक खाद्य पदार्थों के साथ इंटरेक्ट करता है और पर्याप्त PH संतुलन बनाए रखता है। इसलिए अगर आपको एसिडिटी और गैस्ट्रिक समस्या अक्सर बनी रहती है, तो मिट्टी के घड़े में पानी रखें। इसके अलावा मिट्टी के बर्तन में पानी स्टोर करने से पाचन अग्रि तेज होती है और दोषों का संतुलन भी बना रहता है।
पानी स्टोर करने के लिए तांबे का बर्तन
![](https://static.langimg.com/thumb/msid-85058581,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
कॉपर के बारे में आप सभी जानते होंगे। यहां तक की ज्यादातर लोगों के घर में कॉपर के बर्तन भी होते हैं। कॉपर एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह मुक्त कणों से लड़कर उनके नकारात्मक प्रभावों को नष्ट करता है। बता दें कि ये मुक्त कण और उनके हानिकारक प्रभाव शुरू से ही कैंसर के उबरने का मुख्य कारण माने गए हैं। कॉपर सूर्य से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रा वायलट किरणों से भी हमें बचाता है।
वजन कम करता है तांबा
![](https://static.langimg.com/thumb/msid-85058615,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
अगर वजन कम करने वाले सारे तरीके फेल हो गए हैं, तो तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखना शुरू कर दें और यही पानी पीने की आदत डालें। आपका वजन घटना शुरू हो जाएगा। जी हां, दरअसल, कॉपर यानी तांबा मानव शरीर में जमे हुए एक्स्ट्रा फैट को कम करता है, जिससे वजन तेजी से कम होने लगता है। दिलचस्प बात है कि तांबा तब भी फैट बर्न करता है, जब आप आरम की स्थिति में होते हैं। इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीने से आप सोते हुए भी काफी हद तक वजन कम कर लेते हैं।
हाई बीपी वालों के लिए अच्छा है तांबा
![](https://static.langimg.com/thumb/msid-85058622,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें , तो हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त लोगों को तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर में तांबे की कमी से हाई बीपी जैसी समस्या पैदा हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें जरूरत से ज्यादा तांबा भी जहर के समान है। खासतौर से कम हीमोग्लोबिन की समस्या से गुजर रहे लोगों के लिए तांबा हानिकारक है।
इन बर्तनों में ठीक होता है पानी का तापमान
![](https://static.langimg.com/thumb/msid-85058658,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
बहुत से लोग इस बात से अनजान होंगे, कि पानी पीने का भी एक तापमान होता है। ज्यादातर डॉक्टर्स न बहुत ज्यादा ठंडा और न ही बहुत ज्यादा गर्म पानी पीने की सलाह देते हैं। ऐसे में मिट्टी और तांबे के बर्तनों में पीने के पानी का तापमान आदर्श माना जाता है। बता दें कि पानी पीने के लिए सबसे अच्छा तापमान रूम टैम्प्रेचर पर होता है, जो 20 डिग्री सेल्सियस है। इस तापमान पर पानी आपको ज्यादा हाइड्रेशन देता है।
अब तो आप समझ गए होंगे कि पानी को मिट्टी या तांबे के बर्तनों में ही भरकर रखना चाहिए। ये आपके स्वास्थ्य को बहुत फायदा पहुंचाते हैं। लेकिन ध्यान रखें तांबे का ज्यादा इस्तेमाल आपके शरीर पर गलत प्रभाव डाल सकता है। खासतौर से जिन लोगों में खून की कमी है, उन्हें तांबे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। न ही इसमें कोई गर्म भोजन और पदार्थ रखना चाहिए।