Aging signs : शरीर में उम्र से पहले अगर दिखे ये बदलाव, तो समझें जल्‍दी बूढ़ें होने लगें हैं आप

यदि आपकी उम्र 35 से 40 साल की है और आप बेवजह ही थकान से भर जाते हैं, तो हो सकता है कि बुढ़ापा जल्‍द आपके दरवाजे पर दस्‍तक देने वाला है। आज हम आपको ऐसे ही कई लक्षणों के बारे में बतायेगें जो आपके समय से पहले बूढे होने की निशानियां हैं।

बढती उम्र के साथ बूढा होना तो स्वभाविक है लेकिन कई बार हम अपनी उम्र से पहले बूढे होने लगते हैं। चेहरे पर रिंकल्‍स पड़ना, जल्दी थकने लगना, हैण्ड बैग्स का भारी लगने लगना, बालों का तेजी से झड़ना या सफेद होना जैसे कई इशारे हैं, जो समय से पहले आपको बूढा दिखाने लगते हैं।

हालांकि ये लक्षण अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग ढंग के नजर आते हैं।जो कई बार उनकी लाइफस्टाईल, खान-पान, काम या पेशे के साथ उन जगह और मौसम का भी असर होते हैं जहां हम रहते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कई लक्षणों के बारे में बतायेगें जो आपके समय से पहले बूढे होने की निशानियां हैं।

​क्या है प्रीमेच्योर एजिंग

समय या उम्र से पहले बूढा होने की प्रक्रिया को मेडिकल टर्म में ‘प्रीमेच्योर एजिंग’कहते हैं। हमारे शरीर में चलने वाली कई इंटरनल और इक्सटनर्ल प्रॉसेस के चलते हमारा शरीर धीरे-धीरे बूढा होता है। इसका सामान्य कारण कई तरह के एंजाइम और हार्मोन्स का इम्बैलेंस,शरीर में नई सेल और टिश्युज के बनने में कमी आना वगैरा हैं। वैसे तो ऐसा प्राकृतिक तौर पर सभी के साथ होना स्वभाविक है। लेकिन कभी-कभी जब ये लक्षण समय से पहले अपना असर दिखाने लगते हैं तो इसे ही प्रीमेच्योर एजिंग कहते हैं। ऐसा अक्सर 35 से 40 साल की उम्र वालों में खासतौर पर होता है।
 उम्र से पहले बूढा होने के संकेत

शरीर के सभी अंगों का धीर-धीरे कमजोर होने लगना बुढापे का सामन्य लक्षण है। लेकिन हम बात कर रहे हैं उन लक्षणों की जो खासतौर पर प्रीमेच्योर एजिंग की ओर इशारा करते हैं।
​चेहरे पर रिंकल्‍स 

झुर्रियां पड़ने का उम्र बढने से सीधा संबध है। वैसे तो उम्र बढने के साथ त्वाचा ढीली पडने लगती है, जिस कारण स्किन की स्मूथनेस और टाईटनेस पर असर पडता है। चेहरे पर, खासतौर पर आंखों के नीचे के हिस्से में इस कारण से रिंकल्‍स बनने लगते हैं। इसका सीधा संबंध हमारे खाने की आदत से है। ज्यादा सैचुरेटेड फैट, वसा, प्रॉसेसड फूड, स्मोकिंग और शराब पीने से रिंकल्‍स समय से पहले बनने लगते हैं। जबकी एंटी-ऑक्सीडेन्टस से भरपूर फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाने से रिंकल्‍स की समस्या से बचा जा सकता है।
​बालों का तेजी से झड़ना और सफेद होना

हमारे बूढे होने के संकेतों में बालों का झडना और सफेद होना सबसे आम लक्षण है। हांलाकि ये समस्या हम आज-कल काफी कम उम्र के बच्चों में भी देख रहे हैं। इसका सबसे बडा कारण प्रदूषण और मिलावट है। प्रदूषण का सीधा असर हमारे बालों और त्वचा पर पडता है। जिससे वो कमजोर हो कर झडने लगते हैं। इसके अलावा कुछ लोगो में ये समस्या जेनेटिक भी होती है। वहीं, मिलावटी खाने में मिले नुकसानदेह केमिकल्स मेलेनिन के कणों को नुकसान पहुंचाते है,जिससे बाल सफेद होने लगते हैं।
​हैंड बैग का भारी लगने लगना

जब हमें अपना आधे से एक किलो का हैण्ड बैग भी भारी लगने लग जाये तो समझ लेना चाहिये कि ये बुढापे की दस्तक है।उम्र बढने के साथ हमारी मांसपेशिया या मसल्स न केवल कमजोर पडने लगती हैं बल्कि इनका बनना भी कमे होने लगता है।जिसका सीधा असर हमारी शारीरिक क्षमता पर पडता है।जिस कारण भार उठाना,तेज दौडना-भागना,सीढी चढना भी हमें आसानी से थका देता है।लेकिन इस समस्या को हम न्यूट्रिशियस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज से दूर कर सकते हैं।
​आपकी पैंट का कमर पर टाईट होना और पैरों में ढीला होना

आपकी फेवरेट पैंट का कमर पर टाईट और पैर में थाईज़ के हिस्से में ढीली महसूस होने लगना भी बुढापे का इशारा है।बढती उम्र के साथ शरीर में असंतुलित फैट का जमा होने लगना सामान्य समस्या है।इसके साथ ही हड्डियों और मांसपेशियों के सिकुडने और कमजोर पडने से भी ऐसा होने लगता है। थाइज़ और कमर के एरिया में ये सबसे पहले होना शुरू होता है। इसे हम लो फैट,लो कैलेस्ट्रॉल की डाइट और एक्सरसाइज से दूर कर सकते हैं।
​चेहरे का धंसा हुआ और उदास दिखना

उम्र बढने के साथ हड्डियों की डेन्सिटी कम होने लगती है।जिस कारण चेहरा धंसा हुआ,पिचका या उदास सा दिखने लगता है।खराब पोषण,हार्ट डिजीज,तनाव और स्मोकिंग के कारण ये कई बार उम्र से पहले भी होने लगता है।इसे हम अपनी लाइफस्टाईल और खान-पान को बदल कर आसानी से सही कर सकते है।
​नींद में गडबडी

अनिद्रा या कम समय अंतराल पर बार-बार सोना या फिर आसानी से नींद का टूट जाना या असमय उठ जाना जैसे नींद के ये संकेत भी प्रीमेच्योर एजिंग के लक्षण हैं। इसका मुख्य कारण है कार्टीसॉल हार्मोन है जिसे तनाव या स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं। अधिक तनाव के कारण कार्टीसॉल बढ़ जाता है, जिस कारण नींद को लेकर ऐसी परेशानियां होने लगती हैं। तनाव में कमी लाकर और हेल्थी लाइफस्टाईल अपनाकर हम ऐसी परेशानियों को आसानी से दूर कर सकते हैं।

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