अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का हो सृजन
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को न्यायपालिका में प्रतिभाशाली युवाओं का चयन करने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के सृजन का सुझाव दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा यहां आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘खर्च’ और ‘भाषा’ न्याय चाहने वाले नागरिकों के लिए बाधाएं हैं। उन्होंने कहा कि न्याय तक सभी की पहुंच में सुधार के लिए संपूर्ण प्रणाली को नागरिक-केंद्रित बनाने की आवश्यकता है। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने समारोह में कहा कि नागरिकों को अदालतों का दरवाजा खटखटाने से नहीं डरना चाहिए, या इसे अंतिम उपाय के रूप में नहीं देखना चाहिए। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत कई गणमान्य व्यक्ति समारोह में शामिल हुए।