दुर्ग में मासूम से दुष्कर्म और हत्या, सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की टीम करेगी पैरवी
दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मासूम बच्ची के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म और नृशंस हत्या के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस वीभत्स घटना ने आम नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों को भी उद्वेलित कर दिया है। अब इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।
भाजपा विधायक रिकेश सेन ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इस मामले की कानूनी पैरवी को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठ और अनुभवी अधिवक्ताओं की एक विशेष टीम का गठन किया जा रहा है, जो शीघ्र ही भिलाई पहुंचेगी। यह टीम न केवल उच्च न्यायालय स्तर पर बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले की सशक्त पैरवी करेगी, ताकि दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जा सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
स्थानीय अधिवक्ता देंगे नि:शुल्क कानूनी सहायता
विधायक सेन ने यह भी बताया कि दुर्ग जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता और आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ राजकुमार तिवारी इस मामले में नि:शुल्क सेवा देने को तैयार हुए हैं। उनके नेतृत्व में पांच अधिवक्ताओं की एक स्थानीय टीम गठित की गई है, जो ज़मीनी स्तर पर कानूनी प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाएगी। यह टीम जांच प्रक्रिया, दस्तावेज़ों के संकलन और अभियोजन पक्ष के समन्वय का कार्य देखेगी ताकि न्यायिक प्रक्रिया में कोई कमी न रह जाए।
दिल्ली से जुड़ेंगे सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील
विधायक सेन ने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट के प्रतिष्ठित वकीलों से लगातार संपर्क किया जा रहा है, और पांच अनुभवी अधिवक्ताओं की एक टीम को इस केस से जोड़ा जा रहा है। इन वरिष्ठ अधिवक्ताओं से चर्चा अपने अंतिम चरण में है और शीघ्र ही वे इस मामले की पैरवी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इन वकीलों का उद्देश्य होगा कि केस की सुनवाई तेज़ गति से हो और न्याय में किसी प्रकार की देरी न हो।
बांसुरी स्वराज से भी संपर्क में हैं विधायक
इस मामले को लेकर विधायक रिकेश सेन ने बताया कि वे सुप्रीम कोर्ट की ख्यातिप्राप्त अधिवक्ता बांसुरी स्वराज से भी लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि देश की सबसे प्रतिभाशाली और न्यायप्रिय अधिवक्ताओं में से एक बांसुरी स्वराज इस मामले को देखें। मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे बात कर रहा हूं और हमें पूरी उम्मीद है कि वे पीड़िता के परिवार की ओर से न्याय की इस लड़ाई में हमारे साथ जुड़ेंगी।”
‘न्याय ही सच्ची श्रद्धांजलि’
विधायक ने यह भी कहा कि “यह मामला केवल एक बच्ची का नहीं है, यह पूरे समाज की संवेदनाओं और सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। हम चाहते हैं कि दोषियों को ऐसी सजा मिले जो नज़ीर बने, ताकि कोई भी दोबारा ऐसा घिनौना अपराध करने की हिम्मत न कर सके। न्याय ही उस मासूम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
पूरे राज्य की निगाहें अब इस संवेदनशील मामले की कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं। जिस प्रकार से स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी विशेषज्ञ इसमें जुटे हैं, उससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और दोषी कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएंगे।