आटो चालक यात्रियों से कर रहे हैं जमकर वसूली, खामोश बैठा है यातायात अमला
बिलासपुर/अनीश गंधर्व. शहर में आटो चालक मनमानी करने पर उतारू है, जबरिया सवारी बिठा कर बीच रास्ते में सवारी को दूसरे आटो सिफ्ट किया जा रहा है। इस फेर में कई लोगों की गाड़ी भी छूट जा रही है। विरोध करने वाले यात्रियों के साथ बदसलूकी की जा रही है। यातायात विभाग द्वारा इन्हे खुली छूट दी गई है, विभाग द्वारा न तो किराया दर तय किया गया है और न ही सवारी संख्या तय किया गया है। अंधा बहेरा बने बैठा यातायात विभाग के कारण आम जनता की जेब में खुलेआम डाका डाला जा रहा है।
स्मार्ट सिटी बिलासपुर में सबसे बड़ी समस्या यातायात व्यवस्था को लेकर हो रही है। विभाग द्वारा चलानी करवाई खाना पूर्ति के लिए की जाती है। शहर में डीजल, पेट्रोल और इलेक्ट्रिक आटो चालकों की भरमार है, जो की होना भी चाहिए। पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन आटो रिक्शा चालकों ने किराया दर तय नहीं किया है और न ही नगर निगम, परिवहन व यातायात विभाग ने इन्हे निर्देशित किया है की कितना किराया लेना है और सवारी संख्या कितनी होगी? ऐसे में रेलवे व बस स्टेंड जाने वाले यात्रियों को दो गुना तीन गुना भाड़ा देना पड़ रहा है। रेलवे से सवारी भरकर बस स्टेंड में दूसरे आटो सिफ्ट किया जाता है, जिसका विरोध करने पर यात्रियों के साथ बदसलूकी की जाती है और बीच सड़क में सवारी उतार दिया जा रहा है। जबरिया उन्हे भेड़ बकरी की तरह सफ़र करने को मजबूर किया जा रहा है। इतना सब होते देख यातायात विभाग के आला अधिकारी आंख में पट्टी बांधे हुए हैं।
घटना इस प्रकार है सोमवार 1 मार्च को दोपहर तीन से चार बजे के बीच एक महिला आटो चालक ने रेलवे स्टेशन से नेहरू चौक और मंगला चौक के लिए सवारी बिठा लिया। पुराना बस स्टॉप पहुंचने के बाद आटो में बैठे सवारी को दूसरे आटो में बैठने के लिए कहने लगी। यात्री दूसरे आटो में बैठने को तैयार भी हो गए लेकिन दोनो आटो चालक किराया की राशि बाटने को लेकर आपस में विवाद करने लगे। इस दौरान महिला आटो चालक द्वारा सवारी बदसलूकी करने लगी। अंबिकापुर जाने वाले एक यात्री की बस भी छूट गई और आन लाइन टिकिट का भी पैसा डूब गया। जनहित में आटो चालकों द्वारा की जा रही मनमानी के लिए के सख्त नियम बनाने की जरूरत है।
परेशान हो रहे यात्री
उसलापुर से रेलवे स्टेशन आने के वाले यात्रियों को जमकर लूटा जा रहा है। खासकर उन यात्रियों को शिकार बनाया जाता है जिन्हे ट्रेन पकड़ने की जल्दी होती है। मालूम हो कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन की बजाय कई गाड़ियां उसलापुर मार्ग से निकल जाती है। इस दौरान यात्रियों को उसलापुर और बिलासपुर रेलवे स्टेशन जाने की जल्दी होती है जिसका फायदा आटो चालक उठाते हैं।